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ट्रेन के अभाव में वाराणसी स्टेशन पर रात गुजारने पर मजबूर तीर्थाटन पर्यटक




वाराणसी,। उत्तर प्रदेश और देश के कोने-कोने से वाराणसी में श्री काशी विश्वनाथ धाम के दर्शन के लिए आने वाले भक्तों को उनके क्षेत्र वापस जाने के लिए क्षमता अनुसार ट्रेनें कम मिल रही हैं। ट्रेनों के अभाव में तीर्थाटन पर्यटन करने आने वाले लोगों को वाराणसी रेलवे स्टेशन के बाहर ही रात गुजारनी पड़ रही हैं।



प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के विकास कार्यों में श्री काशी विश्वनाथ धाम बनाया, तो उसकी प्रसिद्ध देश विदेश तक पहुंच गई। वाराणसी में सातवें चरण के लोकसभा चुनाव से पहले मोदी की काशी को देखने के लिए और श्रीकाशी विश्वनाथ के दर्शन के लिए लाखों की संख्या में लोगों का वाराणसी आगमन हो रहा है। बिना रिजर्वेशन आने वाले लोगों को लौटते वक्त कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, ट्रेनों की जर्नल बोगियों में भीड़ होने के कारण बहुत सारे यात्री ट्रेन छोड़ रहे हैं। वहीं दूसरी ट्रेन मिलने तक उनकी स्टेशन पर ही रात बीत रही है।



वाराणसी में 42 से 45 डिग्री तक तापमान होने के कारण सभी तीर्थाटन करने वाले लोगों को दिन काटना मुश्किल हो जा रहा है। मुंबई से वाराणसी पधारे महेंद्र और उनके मित्रों ने बताया कि वे सभी गंगा स्नान, श्रीकाशी विश्वनाथ दर्शन और काशी के प्रमुख स्थान घूमने आए थे। लौटते वक्त मुंबई के लिए ट्रेन नहीं मिलने के कारण स्टेशन पर ही रात काट रहे हैं। भीषण गर्मी में रात काटना भी मुश्किल है। उन्होंने बताया कि मुंबई वापस जाने के लिए दो ही ट्रेन रात में थी लेकिन बोगी के भीतर पांव रखने की जगह नहीं थी। ऐसे में उन्हें ट्रेन नहीं मिल सकी।



हैदराबाद के सिकंदराबाद से आए गोपी किशन ने कहा कि मैंने मोदी जी के काशी की बड़ी चर्चा सुनी थी और यहां आकर बड़ी प्रसन्नता हुई। काशी के घाटों की सुंदरता देखकर मन प्रसन्न हो गया। श्री काशी विश्वनाथ धाम में दर्शन पूजन करने के बाद मां अन्नपूर्णा के भी उन्होंने दर्शन किए। गर्मी की छुट्टी होने पर उन्होंने वाराणसी घूमने का कार्यक्रम अचानक से ही बनाया, उनके साथ परिवार के भी सदस्य आए हैं।



उत्तर प्रदेश की आगरा से वाराणसी आया मयंक गोयल के परिवार में बताया कि काशी की सुंदरता और भी बढ़ गई है, किंतु अब यहां भीड़ भी बढ़ने लगी हैं। यहां विराजमान श्री काशी विश्वनाथ के दर्शन कर मन में बेहद शांति महसूस हुई है। यहां का पान भी उन लोगों ने चखा है, तो परिवार के लिए दो बनारसी साड़ियां भी खरीदी हैं। दिन भर घूमने के बाद जब वे लौटने के लिए ट्रेन पकड़ने आए तो ट्रेन के अभाव में बस से वापस जाने की योजना बना रहे हैं।



उन्होंने बताया कि बहुत पहले भी वे वाराणसी आए थे। तब से अब तक में वाराणसी के स्वरूप में बहुत बदलाव हुआ है, जो देखकर अच्छा लगता है। यह सब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ही देन है। वाराणसी के सांसद की चर्चा तो अब देश-विदेश में भी हो रही है। ऐसा नेता बहुत दशक के बाद ही मिलता है।