कोलकाता। आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज की महिला डॉक्टर के साथ
दुष्कर्म और हत्या के मामले में आरोपित संजय रॉय को दोषी करार दिया गया है।
सियालदह अदालत ने शनिवार को उसे दोषी करार दिया। अब आज यानी सोमवार को
उसकी सजा का ऐलान होगा। अदालत ने साफ किया है कि दोषी को अधिकतम सजा, यानी
मौत की सजा, भी दी जा सकती है।
इस मामले ने न केवल कोलकाता बल्कि
पूरे राज्य के चिकित्सक समाज को झकझोर कर रख दिया। इस घटना के बाद राज्यभर
में जूनियर डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन किया, धरना दिया, और यहां तक कि
कोलकाता के धर्मतला में 17 दिनों तक अनशन भी किया।
हालांकि दोषी
संजय रॉय को कड़ी सजा देने की मांग ज्यादातर डॉक्टर कर रहे हैं, लेकिन कुछ
डॉक्टर सजा-ए-मौत के बजाय उम्रकैद के पक्ष में हैं।
जूनियर डॉक्टरों
ने जांच प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए हैं। आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर
अनिकेत महतो ने कहा कि हम दोषी को अधिकतम सजा चाहते हैं, लेकिन सवाल यह है
कि इस जघन्य अपराध में और कौन शामिल था? केवल संजय को दोषी मानकर मामला
खत्म नहीं किया जा सकता।
कोलकाता मेडिकल कॉलेज की सीनियर डॉक्टर
स्नेहा हजारा ने कहा, “यदि अदालत संजय को दोषी मानती है, तो उसे फांसी की
सजा दी जानी चाहिए। लेकिन जांच में कई सवाल अनुत्तरित हैं। हम सीबीआई की
जांच से संतुष्ट नहीं हैं।”
एसएसकेएम अस्पताल के डॉक्टर अर्णब
मुखर्जी ने कहा कि मैं अदालत के फैसले का सम्मान करता हूं। अगर दोषी को
फांसी दी जाती है, तो मैं इसे स्वीकार करूंगा। लेकिन अन्य दोषियों को भी
सामने लाया जाना चाहिए।
हालांकि, नील रतन सरकार मेडिकल कॉलेज के
डॉक्टर पुलस्त्य आचार्य ने सजा-ए-मौत के खिलाफ अपनी राय दी। उन्होंने कहा,
“मुझे लगता है कि दोषी को उम्रकैद की सजा मिलनी चाहिए। फांसी से समस्या का
समाधान नहीं होता।”
धर्मतला में अनशन करने वाली डॉक्टर आलोलिका
घोड़ुई ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा कि वह 40 घंटे
से लगातार ड्यूटी कर रही हैं।
यह मामला नौ अगस्त 2024 की सुबह का
है, जब दोषी संजय रॉय आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज में दाखिल हुआ और महिला
डॉक्टर पर हमला किया। उसने गला दबाकर डॉक्टर की हत्या कर दी। अदालत ने
भारतीय दंड संहिता की धारा 64, 66 और 103(1) के तहत संजय को दोषी पाया है।
अब सोमवार को सियालदह अदालत में सजा का ऐलान किया जाएगा।