कोलकाता, पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमीशन (डब्ल्यूबीएसएससी) द्वारा राज्य के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की नई नियुक्ति प्रक्रिया के तहत ज़ोनवार इंटरव्यू आयोजित करने के फैसले को लेकर अब सवाल उठने लगे हैं।
इस नई भर्ती प्रक्रिया की शुरुआत उच्चतम न्यायालय द्वारा इस वर्ष की शुरुआत में 25 हजार 753 स्कूल नौकरियों को रद्द किए जाने के बाद हुई है। माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्तर के लिए लिखित परीक्षा पहले ही आयोजित की जा चुकी है और उसके परिणाम शीघ्र जारी होने की संभावना है, जिसके बाद इंटरव्यू प्रक्रिया शुरू होगी।
एसएससी ने समय की कमी को देखते हुए पांच ज़ोनों — दक्षिण, उत्तर, पूर्व, पश्चिम और दक्षिण-पूर्व — में इंटरव्यू कराने का प्रस्ताव रखा है। आयोग के एक अधिकारी ने कहा, “उच्चतम न्यायालय ने निर्देश दिया है कि नई भर्ती प्रक्रिया 31 दिसंबर 2025 तक पूरी होनी चाहिए। इतने सीमित समय में केंद्रीकृत इंटरव्यू कराने से प्रक्रिया में विलंब होगा, इसलिए ज़ोनवार इंटरव्यू ज़्यादा व्यावहारिक विकल्प है।”
हालांकि, “योग्य” शिक्षक — जिनकी नौकरी भी “अयोग्य” शिक्षकों के साथ न्यायालय के आदेश के बाद चली गई थी — इस निर्णय का विरोध कर रहे हैं। ये शिक्षक, जिन्होंने नई भर्ती की लिखित परीक्षा दी है, “योग्य शिक्षक-शिक्षिका अधिकार मंच” के बैनर तले एकजुट होकर इंटरव्यू केंद्रीकृत रूप से कराने की मांग कर रहे हैं।
फोरम के एक पदाधिकारी ने कहा, “जब एसएससी राज्य के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती के लिए इंटरव्यू केंद्रीकृत ढंग से करा रहा है, तो माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षकों के लिए अलग प्रक्रिया अपनाना अनुचित है।”
उनका यह भी तर्क है कि ज़ोनवार इंटरव्यू में अंकों के मूल्यांकन में असमानता की आशंका बनी रहती है। उन्होंने कहा, “केंद्रीकृत इंटरव्यू में सभी उम्मीदवारों को समान मानदंडों के तहत परखा जा सकता है, जिससे निष्पक्षता सुनिश्चित होती है।”
ज़ोनवार इंटरव्यू पर उठे सवाल, नवनियुक्ति प्रक्रिया में निष्पक्षता को लेकर शिक्षकों में असंतोष
