नई
दिल्ली, । कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने सुप्रीम कोर्ट में
याचिका दायर कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तुलना शिवलिंग पर बैठे
बिच्छू से करने के बयान के मामले में ट्रायल कोर्ट में चल रही कार्यवाही पर
रोक लगाने की मांग की है। आज थरूर की ओर से पेश वकील ने चीफ जस्टिस डीवाई
चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष मेंशन करते हुए कल यानि 10
सितंबर को सुनवाई की मांग करते हुए कहा कि ट्रायल कोर्ट में भी 10 सितंबर
को ही सुनवाई है। उसके बाद कोर्ट ने कहा कि आप ई-मेल कीजिए हम 10 सितंबर को
विचार करेंगे।
दिल्ली हाई कोर्ट ने 29 अगस्त को कांग्रेस सांसद शशि
थरूर की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तुलना शिवलिंग पर बैठे बिच्छू से
करने के बयान के मामले में ट्रायल कोर्ट में चल रही कार्यवाही पर रोक लगाने
से इनकार कर दिया था। जस्टिस अनूप कुमार मेंहदीरत्ता की बेंच ने शशि थरूर
को समन जारी करने के आदेश को भी निरस्त करने से इनकार कर दिया।
राऊज
एवेन्यू कोर्ट ने 16 नवंबर 2018 को कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लिया
था। राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 27 अप्रैल 2019 को शशि थरूर के खिलाफ समन जारी
किया था। 07 जून 2019 को कोर्ट ने शशि थरूर को जमानत दी थी। शशि थरूर ने
कोर्ट से कहा था कि उन्हें जो समन भेजा गया है वो गलत है। सुनवाई के दौरान
शशि थरूर की ओर से वकील कपिल सिब्बल ने ट्रायल कोर्ट में चल रही कार्यवाही
पर रोक लगाने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि शशि थरूर के खिलाफ राजीव
बब्बर की याचिका झूठी है।
बतादें कि भाजपा नेता राजीव बब्बर ने शशि
थरूर के खिलाफ याचिका राऊज एवेन्यू कोर्ट में दायर किया है। राजीव बब्बर ने
अपनी याचिका में कहा है कि शशि थरूर ने बैंगलोर में एक कार्यक्रम में
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को शिवलिंग का बिच्छू कहा था जिसे न हाथ से
हटाया जा सकता है और न ही चप्पल से। याचिका में कहा गया है कि शशि थरूर के
इस बयान से करोड़ों लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं। राजीव बब्बर ने कहा है
कि मैं शिव का भक्त हूं और शशि थरूर के बयान ने असंख्य शिवभक्तों की
भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है। याचिका में शशि थरूर के बयान को असहनीय
बताया गया है।
याचिका में शशि थरूर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की
धारा 499 और 500 के तहत कार्रवाई करने की मांग की गई है। बतादें कि शशि
थरूर ने बैंगलोर में लिटरेचर फेस्टिवल में कहा था कि आरएसएस के एक व्यक्ति
ने उनसे कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शिवलिंग पर चढ़े बिच्छू की तरह
हैं जिन्हें न हाथ लगाया जा सकता है और न चप्पल।