कोलकाता। बांग्ला भाषा के महत्व और उसके ऐतिहासिक योगदान पर
केंद्रित एक विशेष चर्चा बुधवार को दक्षिण कोलकाता के त्रिकोण पार्क स्थित
शरतचंद्र चट्टोपाध्याय के निवास पर आयोजित हुई। इस आयोजन का संयुक्त
प्रबंधन संस्कार भारती और प्रकाशन संस्था सूत्रधर ने किया।
कार्यक्रम
की शुरुआत सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से हुई। कलाकारों ने उद्घाटन गीत
"साधयति संस्कार भारती" और "बंगाल की माटी, बंगाल का जल" की प्रस्तुति दी।
इस सभा का मुख्य उद्देश्य आचार्य सूनिति कुमार चटर्जी की 135वीं जयंती
मनाना और बांग्ला भाषा की शास्त्रीय मान्यता पर चर्चा करना था। वक्ताओं ने
इससे आगे बढ़कर बांग्ला भाषा की उत्पत्ति, चर्यापद के काल से लेकर आधुनिक
समाज में इसके प्रभाव पर विचार प्रस्तुत किए।
इस कार्यक्रम में
प्रमुख वक्ताओं में विधानचंद्र कृषि विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. कल्याण
चक्रवर्ती, आमता रामसदय कॉलेज के बंगाली विभाग के प्रोफेसर अमिताभ
बंद्योपाध्याय और अंग्रेजी के सहायक प्रोफेसर शुभम अमीन शामिल थे। सभा की
अध्यक्षता संस्कार भारती के स्वरूप प्रसाद घोष ने की। वहीं, सूत्रधर के
निदेशक और कार्यक्रम संचालक सुमन भौमिक ने इस चर्चा में महत्वपूर्ण भूमिका
निभाई।
इस अवसर पर तीन नई पुस्तकों का भी विमोचन हुआ जिनमे
"बांग्ला भाषा में विज्ञान का अध्ययन", "इतिहास, संस्कृति और कला: सूनिति
कुमार चटर्जी के दृष्टिकोण से" तथा 'बांग्ला भाषा के संदर्भ' शामिल हैं।