कोडरमा, । कोडरमा संसदीय क्षेत्र साल 1977 में अस्तित्व में आया
था। उस समय से कई बार लोकसभा चुनाव हुए पर इसमें सबसे अधिक भाजपा ने यहां
से सात बार जीत हासिल की है। इस आधार पर कहा जा सकता है कि भारतीय जनता
पार्टी के लिए कोडरमा परंपरागत सीट रही है।
कोडरमा से भाजपा के
टिकट पर रीतलाल प्रसाद वर्मा 4 बार और भारतीय लोक दल से एक बार, इसी पार्टी
से बाबूलाल मरांडी एक बार, रविंद्र राय एक बार और अन्नपूर्णा देवी एक बार
सांसद के रूप में चुने गए। कांग्रेस से तिलकधारी सिंह ने दो बार और जनता दल
से मुमताज अंसारी ने एक बार जीत हासिल की।
भाजपा से अलग होने के
बाद बतौर निर्दलीय बाबूलाल मरांडी ने एक उपचुनाव और झारखंड विकास मोर्चा से
एक बार जीत हासिल की है। सन 1977 में लोक दल से रीतलाल प्रसाद वर्मा, वर्ष
1980 में पुनः भारतीय जनता पार्टी से रीतलाल प्रसाद वर्मा, 1984 में
कांग्रेस पार्टी से तिलकधारी सिंह, 1989 में भाजपा से रीतलाल प्रसाद वर्मा,
1991 में जनता दल से मुमताज अंसारी, 1996 में भारतीय जनता पार्टी से
रीतलाल प्रसाद वर्मा, 1998 में भाजपा से रीतलाल प्रसाद वर्मा और 1999 में
कांग्रेस से तिलकधारी सिंह ने जीत हासिल की।
2004 में हुए चुनाव
में भाजपा से बाबूलाल मरांडी यहां से सांसद चुने गए परंतु 2006 में
उन्होंने भाजपा को छोड़ दिया और उपचुनाव में बतौर निर्दलीय सांसद चुने गए।
उसके बाद 2009 में हुए चुनाव में झारखंड विकास मोर्चा से बाबूलाल मरांडी
यहां से सांसद बने। 2014 में बाबूलाल मरांडी ने कोडरमा से चुनाव नहीं लड़ा
और तब भाजपा से डॉ रविन्द्र कुमार राय सांसद के रूप में चुने गए। साल 2019
में राजद से भाजपा में शामिल होने पर अन्नपूर्णा देवी को भाजपा ने
उम्मीदवार बनाया और एक बार फिर पार्टी को जीत हासिल हुई।