नई
दिल्ली, । विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने शुक्रवार को
लाओस में कहा कि आसियान (दक्षिण पूर्व एशियाई देशों का संघ) भारत की एक्ट
ईस्ट पॉलिसी और उसके बाद बने इंडो-पैसिफिक विजन की आधारशिला है। हमारे लिए
आसियान के साथ राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा सहयोग सर्वोच्च प्राथमिकता है।
विदेश
मंत्री ने आज वियनतियाने, लाओस में आसियान-भारत विदेश मंत्रियों की बैठक
में भाग लिया। जयशंकर 10 देशों के आसियान समूह की बैठक में भाग लेने के लिए
यहां आए हैं।
अपने शुरुआती वक्तव्य में जयशंकर ने कहा कि भारत
आसियान और ईएएस मंचों को कितनी प्राथमिकता देता है, यह पिछले साल हमारे
अपने जी20 शिखर सम्मेलन की पूर्व संध्या पर प्रधान मंत्री मोदी की जकार्ता
यात्रा से स्पष्ट है। उन्होंने 12-सूत्री योजना की घोषणा की थी, जिस पर
काफी हद तक काम किया गया है।
विदेश मंत्री ने एक्स पर बताया कि आज
सुबह वियनतियाने, लाओस में आसियान-भारत विदेश मंत्रियों की सार्थक बैठक में
भाग लिया। डिजिटल, रक्षा, समुद्री, कनेक्टिविटी, सुरक्षा, स्वास्थ्य और
पारंपरिक चिकित्सा और सांस्कृतिक विरासत संरक्षण भारत-आसियान सहयोग के लिए
प्राथमिकता वाले क्षेत्र बने हुए हैं। साथ ही म्यांमार की स्थिति, संचार की
समुद्री लाइनों को खुला और मुक्त रखने, आसियान और एओआईपी पर क्वाड के
दृष्टिकोण और गाजा में संघर्ष के बारे में भी बात की। भारत आसियान के साथ
व्यापक रणनीतिक साझेदारी को लागू करने में हुई प्रगति और क्षेत्र के लिए
हमारे दृष्टिकोण में बढ़ते तालमेल को महत्व देता है।