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100 वर्षों की यात्रा संघ की निष्ठा, सेवा और समर्पण का प्रतीक: सुरेश सोनी


भोपाल,  राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य एवं वरिष्ठ प्रचारक सुरेश सोनी ने कहा देश तभी बदलेगा जब समाज की आदतें बदलेंगी। संघ का काम किसी सत्ता परिवर्तन का नहीं, बल्कि समाज परिवर्तन का है। संघ की सौ वर्ष की यात्रा राष्ट्र की आत्मा को जागृत करने की यात्रा है। डॉ. हेडगेवार ने जो बीज बोया था, वह आज विराट वटवृक्ष बन चुका है। 100 वर्षों की यह यात्रा संघ की निष्ठा, सेवा और समर्पण का प्रतीक है।

संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य सुरेश सोनी रविवार को मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिला मुख्यालय पर पथ संचलन के बाद आयोजित सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत कभी विश्वगुरु था, पर आज आत्ममंथन की जरूरत है। अंग्रेज व्यापारी बनकर आए, फिर भी शासन किया, गलती उनकी नहीं, हमारी थी। हम समाज की कमजोरी नहीं सुधार पाए।”

उन्होंने कहा कि संघ व्यक्ति निर्माण से लेकर समाज निर्माण तक की प्रक्रिया है। यह संगठन किसी के विरोध में नहीं, बल्कि भारत को आत्मविश्वास देने के लिए काम कर रहा है। संघ आने वाले 25 वर्षों में समाज के हर वर्ग के साथ मिलकर काम करेगा। उन्होंने पांच बिंदुओं में समाज परिवर्तन का सूत्र दिया

- सामाजिक समरसता - जाति-भेद का अंत- पर्यावरण संरक्षण - प्रकृति के संतुलन की रक्षा- स्वदेशी जीवनशैली - स्थानीय भाषा, भोजन और परिधान को सम्मान- संस्कारवान परिवार - पारिवारिक मूल्यों का पुनर्जागरण- नागरिक कर्तव्य - अनुशासन और जिम्मेदारी की भावना

इससे पहले रविवार शाम को राजगढ़ जिला मुख्यालय पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष के अवसर पर भव्य पथ संचलन निकला। छह बस्तियों से घोष की धुन पर सफेद शर्ट और खाकी पैंट में सजे स्वयंसेवक जब एकसमान कदमताल करते हुए निकले तो नगर की सड़कों पर अनुशासन, देशभक्ति और संगठन का अद्भुत संगम दिखाई दिया। पथ संचलन का प्रारंभ छह अलग-अलग बस्तियों से हुआ, जो नगर के मुख्य मार्गों से गुजरते हुए बिरसा मुंडा चौराहा पर एकत्र हुए। इसके बाद संचलन संस्कृति होटल मार्ग होते हुए खिलचीपुर नाके तक पहुंचा और स्टेडियम ग्राउंड में समाप्त हुआ।

नगर के विभिन्न मार्गों पर नागरिकों ने स्वयंसेवकों पर फूलों की वर्षा की और आरती उतारकर स्वागत किया। मंचों पर खड़ी बालिकाओं ने भारत माता और झांसी की रानी का रूप धारण कर नारी शक्ति का प्रदर्शन किया। “भारत माता की जय” और “वंदे मातरम्” के नारों से पूरा वातावरण गूंज उठा। पथ संचलन के दौरान सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रही। नगर पालिका ने सफाई, जल और प्रकाश की पूरी व्यवस्था की थी।