नई
दिल्ली, । भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने आर्थिक
संबंधों को बढ़ावा देने के लिए बाजार पहुंच, डेटा साझाकरण, डंपिंग रोधी
मामलों एवं सेवाओं आदि से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की है। भारत-यूएई ने
व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता (सीईपीए) के तहत संयुक्त समिति की बैठक के
दौरान इन मुद्दों पर चर्चा की।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने
गुरुवार को जारी एक बयान में बताया कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई)
ने नई दिल्ली में भारत-यूएई व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (सीईपीए) के तहत
संयुक्त समिति की तीसरी बैठक का सफलतापूर्वक आयोजन किया। इस बैठक की
सह-अध्यक्षता वाणिज्य विभाग के अपर सचिव अजय भादू और यूएई के अंतरराष्ट्रीय
व्यापार कार्य सहायक अवर सचिव जुमा अल कैत ने की।
भारत-यूएई ने सीईपीए के तहत संयुक्त समिति की बैठक के दौरान इन मुद्दों पर चर्चा की।
मंत्रालय
ने कहा कि दोनों पक्षों ने सीईपीए के तहत प्रगति की व्यापक समीक्षा की।
साथ ही बाजार पहुंच के मुद्दों, डेटा साझाकरण, स्वर्ण टीआरक्यू (निश्चित
मात्रा तक कम शुल्क पर) आवंटन, डंपिंग रोधी मामलों, सेवाओं, उत्पत्ति के
नियमों, बीआईएस लाइसेंसिंग पर विस्तृत चर्चा की। भारतीय पक्ष ने यूएई को
पारदर्शी प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के जरिए स्वर्ण टीआरक्यू आवंटन पर
अपने हालिया निर्णय के बारे में भी जानकारी दी। सीईपीए एक प्रकार का मुक्त
व्यापार समझौता (एफटीए) है।
वाणिज्य मंत्रालय के मुताबिक दोनों
पक्षों ने औषधि क्षेत्र में विनियामक सहयोग बढ़ाने, उत्पत्ति प्रमाण पत्र
से संबंधित मुद्दों के समाधान पर चर्चा की। इसके साथ ही कृषि एवं
प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा), भारत तथा
संयुक्त अरब अमीरात के जलवायु परिवर्तन एवं पर्यावरण मंत्रालय के बीच खाद्य
सुरक्षा तथा तकनीकी जरूरतों पर समझौता ज्ञापन पर शीघ्र हस्ताक्षर करने पर
भी विचार-विमर्श किया।
वित्त वर्ष 2024-25 में दोनों देशों के बीच
द्विपक्षीय व्यापार 100 अरब अमेरिकी डॉलर को पार कर गया है, जो वित्त वर्ष
2023-24 की तुलना में 19.6 फीसदी की वृद्धि है। दोनों देशों ने 2030 तक
गैर-तेल और गैर-कीमती धातु व्यापार को 100 अरब अमेरिकी डॉलर तक बढ़ाने का
लक्ष्य रखा है।