वॉशिंगटन। अमेरिका के 22 राज्यों के अटॉर्नी जनरल ने मंगलवार को 
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बर्थराइट पॉलिसी बदलने के खिलाफ मुकदमा दायर 
किया है। यह पॉलिसी अमेरिका में जन्मे बच्चों को उनके माता-पिता के 
इमिग्रेशन स्टेटस को नजरअंदाज कर नागरिकता की गारंटी देती है। डोनाल्ड 
ट्रम्प ने 20 जनवरी को शपथ ग्रहण के साथ जारी आदेश पर हस्ताक्षर किए जो 
अमेरिकी संविधान में बर्थराइट पॉलिसी को बदलने की बात करता है।
अमेरिकी
 राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की बर्थराइट पॉलिसी को लेकर दी गई मंजूरी 
कानूनी अड़चनों में फंसती दिख रही है। ट्रम्प ने देश की बर्थराइट पॉलिसी की
 यह कहते हुए आलोचना की थी कि यह नीति अवैध आव्रजन को प्रोत्साहित करती है।
 इसी वजह से दोबारा सत्ता में आते ही ट्रम्प ने इस नीति को बदलने संबंधी 
आदेश जारी कर दिए।
कौन-कौन से राज्य हैं खिलाफ
ट्रम्प के 
आदेश के साथ अमेरिका सहित दुनिया भर में हलचल मच गई। न्यूयॉर्क टाइम्स के 
मुताबिक ट्रम्प के आदेश के खिलाफ कोलंबिया डिस्ट्रिक्ट और सैन फ्रांसिस्को 
के साथ 18 राज्यों ने फेडरल अदालत में मुकदमा कर दिया है। न्यू जर्सी और दो
 शहरों के साथ कैलिफोर्निया, मैसाचुसेट्स, कोलोराडो, कनेक्टिकट, डेलावेयर, 
हवाई, मेन, मैरीलैंड, मिशिगन, मिनेसोटा, नेवादा, न्यू मैक्सिको, न्यूयॉर्क,
 उत्तरी कैरोलिना, रोड आइलैंड, वर्मोंट और विस्कॉन्सिन भी ट्रम्प के आदेश 
के खिलाफ मुकदमे में शामिल हुए हैं। न्यू जर्सी के डेमोक्रेटिक अटॉर्नी 
जनरल मैट प्लैटकिन ने कहा कि राष्ट्रपतियों के पास व्यापक शक्तियां होती 
हैं लेकिन वे राजा नहीं होते। 
कानूनी चुनौतियों का सामना करेंगेः व्हाइट हाउस
मुकदमा
 दायर होने के बाद व्हाइट हाउस की तरफ से कहा गया है कि वह अदालत में 
राज्यों का सामना करने के लिए तैयार है। इन मुकदमों को वामपंथी प्रतिरोध का
 विस्तार बताया।
अमेरिका की बर्थराइट पॉलिसी क्या है
1868 
में किए गए अमेरिका के संविधान के 14वें संशोधन के मुताबिक, देश में पैदा 
हुए सभी बच्चों को जन्मजात नागरिकता दी जाती है। संशोधन का मकसद पूर्व में 
देश में गुलाम बनाए गए लोगों को नागरिकता और समान अधिकार देना था। संविधान 
के मुताबिक, अमेरिका में जिन बच्चों का जन्म हुआ, उनके अधिकार क्षेत्र के 
अधीन वो अमेरिका और जिस भी राज्य में पैदा हुए वहां के नागरिक बन जाते हैं।
 इस नीति के अंतर्गत विदेशी राजनयिकों के बच्चों को छोड़ कर अमेरिका में 
पैदा हुए लगभग सभी व्यक्तियों को शामिल किया गया है।
क्या है ट्रम्प
 का आदेशट्रम्प के आदेश में कहा गया है कि बर्थराइट पॉलिसी में 
गैर-दस्तावेजी अप्रवासियों के बच्चों को बाहर रखा जाना चाहिए और उन्हें 
जन्मजात नागरिकता नहीं दी जानी चाहिए। ट्रम्प का आदेश अमेरिका में जन्मे 
किसी भी बच्चे को 14वें संशोधन के तहत नागरिकता प्रदान करने को चुनौती देता
 है।
बर्थराइट पॉलिसी बदलने के ट्रम्प के आदेश के खिलाफ अमेरिका के 22 राज्य, मुकदमा दायर
									