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प्रधानमंत्री मोदी आज जम्मू-कश्मीर में चिनाब रेलवे पुल राष्ट्र को करेंगे समर्पित


नई दिल्ली, । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज जम्मू-कश्मीर के प्रवास पर रहेंगे। वो राज्य को 46,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली कई महत्वपूर्ण विकास परियोजनाओं की सौगात देंगे। वो चिनाब पुल और अंजी पुल राष्ट्र को समर्पित करेंगे। चिनाब पुल दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च ब्रिज है। यह 1,315 मीटर लंबा है। इसे भूकंप और हवा की स्थिति का सामना करने के लिए डिजाइन किया गया है। अंजी पुल भारत का पहला केबल-स्टेड रेल ब्रिज है। यह जानकारी एक सरकारी प्रवक्ता ने दी।

प्रधानमंत्री मोदी के आज के कार्यक्रम का ब्यौरा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने एक्स हैंडल पर साझा किया है। प्रवक्ता के अनुसार, इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दो वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को हरी झंडी दिखाएंगे। यह कटरा और श्रीनगर के बीच चलेंगी। इन ट्रेनों से यात्रा करने में सिर्फ तीन घंटे लगेंगे। मौजूदा यात्रा समय में दो से तीन घंटे की कमी आएगी। प्रधानमंत्री मोदी अन्य कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन भी करेंगे।

इन परियोजनाओं उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेल लिंक प्रमुख है। यह परियोजना कश्मीर घाटी और देश के बाकी हिस्सों के बीच हर मौसम में निर्बाध रेल संपर्क स्थापित करती है। इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी विभिन्न सड़क परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे। कुछ का उद्घाटन भी करेंगे। वो श्री माता वैष्णो देवी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एक्सीलेंस की आधारशिला भी रखेंगे।

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दौरे से पहले गुरुवार को चिनाब पुल पर व्यवस्थाओं की समीक्षा की। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर कहा, "कल, 06 जून वास्तव में जम्मू-कश्मीर के मेरे बहनों और भाइयों के लिए एक विशेष दिन है। 46,000 करोड़ रुपये की प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का उद्घाटन किया जा रहा है। इसका लोगों के जीवन पर बेहद सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।"

उन्होंने कहा, "वास्तुकला की असाधारण उपलब्धि होने के अलावा, चिनाब रेल पुल जम्मू और श्रीनगर के बीच संपर्क को बेहतर बनाएगा। अंजी पुल चुनौतीपूर्ण भू-भाग में भारत का पहला केबल-स्टेड रेल पुल है। उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल सम्पर्क (यूएसबीआरएल) परियोजना सभी मौसम में संपर्क सुनिश्चित करेगी और श्री माता वैष्णो देवी कटरा से श्रीनगर तक वंदे भारत ट्रेनें आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देंगी और आजीविका के अवसर पैदा करेंगी।"