तेल अवीव, । इजराइल ने कतर से संचालित अंतरराष्ट्रीय टीवी चैनल अल जजीरा और आतंकवादी समूह हमास के गठजोड़ का खुलासा करते हुए आरोप लगाया है कि चैनल खासतौर पर गाजा पट्टी में युद्ध के दौरान हमास के दुष्प्रचार का माध्यम बना और उसके आतंकियों को मनोवैज्ञानिक संबल देता रहा। अल जजीरा के लिए काम करने वालों में हमास के आतंकी और रॉकेट लॉन्चर बनाने वाले तक शामिल रहे। इसे किसी भी तरह से ईमानदार और तटस्थ पत्रकारिता नहीं कहा जा सकता।
इजराइल के मीर अमेट खुफिया और आतंकवाद सूचना केंद्र (इजराइली खुफिया विरासत और स्मारक केंद्र) ने साक्ष्यों के साथ 20 अक्टूबर को एक वृत्तचित्र में दोनों के संबंधों और सहयोग का पर्दाफाश करते हुए संगीन आरोप जड़े हैं। इजराइल सरकार के एक्स पर आधिकारिक एकाउंट पर एक पाेस्ट में यह जानकारी 21 अक्टूबर को साझा की गई। वृत्तचित्र में बताया गया है कि 1996 में स्थापित अल जजीरा कतर के शासक का चैनल है। सनद रहे, इंटरनेट पर यह तथ्य सार्वजनिक है कि इसकी स्थापना पहली नवंबर, 1996 को कतर के तत्कालीन अमीर शेख हमद बिन खलीफा अल थानी ने की थी।
इस वृत्तचित्र में आरोप लगाया गया है कि कतर के शाही परिवार के नियंत्रण में संचालित अल जजीरा नेटवर्क बेशक अरब जगत के सबसे प्रमुख मीडिया संस्थानों में से एक है। मगर इसने वर्षों से इसने हमास और कट्टरपंथी सुन्नी इस्लाम के एजेंडे को बढ़ावा दिया है। गाजा पट्टी में युद्ध के दौरान इस चैनल ने हमास के राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व के संदेशों का प्रसारण किया। बंधकों के वीडियो, उनकी रिहाई के समारोहों का विशेष प्रसारण किया। गाजा पट्टी में इजराइल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) पर हमला करने वाले हमास के आतंकवादियों की तस्वीरें दिखाकर आतंकी संगठन और उसके लड़ाकों को मनोवैज्ञानिक संबल प्रदान कर युद्ध लड़ने के लिए प्रेरित किया। नेटवर्क ने इस दौरान गाजा पट्टी में हमास विरोधी प्रदर्शनों को नजरअंदाज किया।
मीर अमेट खुफिया और आतंकवाद सूचना केंद्र ने दावा किया कि आईडीए के गाजा पट्टी से लाए गए हमास के दस्तावेजों में संबंधों का जिक्र है। दस्तावेजों के अनुसार हमास और अल जजीरा के बीच सहयोग और मीडिया समन्वय न तो यादृच्छिक (बेतरतीब) था और न ही अलग-थलग। वह व्यवस्थित, संगठित और लगातार रहा। इन दस्तावेजों से पता चला कि हमास ने आंदोलन से संबंधित मुद्दों पर नेटवर्क की संपादकीय नीति को प्रभावित करने के लिए कवरेज दिशा-निर्देशों को अपने हाथ में लिया। आंदोलन के सैन्य आपातकालीन संचालन कक्ष और अल जजीरा के बीच एक सुरक्षित टेलीफोन लाइन स्थापित की।
इन दस्तावेजों से पता चला है कि गाजा पट्टी में अल जजीरा के लिए काम करने वाले कई पत्रकार हमास की सैन्य शाखा में भी सक्रिय थे। उनमें से कुछ तो इजराइल में हुए सात अक्टूबर, 2023 के हमले और नरसंहार में शामिल थे। इसके अलावा चैनल ने युद्ध के दौरान इजराइल की लगभग हर कार्रवाई को गलत ठहराने की कोशिश की। इजराइली सैनिकों को मनोवैज्ञानिक रूप से कमजोर करने की कोशिश की। यही नहीं युद्धविराम समझौते की घोषणा के बाद भी अल जजीरा हमास और उसके संदेशों को व्यापक कवरेज प्रदान करता रहा। हमास और अल जजीरा के बीच निरंतर सहयोग चैनल के संवाददाताओं को दी जाने वाली विशेष कवरेज सुविधा और उन स्थानों तक उनकी पहुंच से भी स्पष्ट होता है जहां बंधकों और शवों को रेडक्रॉस को सौंपा जाता है।
मीर अमेट खुफिया और आतंकवाद सूचना केंद्र के वृत्तचित्र में आरोप लगाया गया है कि कतर के वर्षों से हमास आंदोलन के साथ घनिष्ठ संबंध हैं। हमास का "बाहरी" नेतृत्व दोहा में रहता है। कतर अनुदान, मानवीय सहायता और नागरिक परियोजनाओं के लिए सहायता के रूप में आंदोलन को वित्तीय सहायता प्रदान करता है। कतर ने हमास के आख्यानों के व्यापक प्रचार के लिए अल जजीरा का भी उपयोग करता है। अल जजीरा के प्रसारण युद्ध के दौरान स्पष्ट रूप से इजराइल विरोधी और हमास समर्थक रहे। अल जजीरा ने हमास और अन्य फिलिस्तीनी आतंकवादी संगठनों जैसी की शब्दावली का प्रयोग किया। नेटवर्क के रिपोर्टर और एंकर फिलिस्तीनी आतंकवादी गुर्गों को मुजाहिदीन या मुकाविमिन (जिहाद लड़ाके या प्रतिरोध लड़ाके) कहते हैं। उनके मारे जाने के बाद उन्हें शहीद (अल्लाह की खातिर शहीद) कहा। आईडीएफ को कब्जे वाली सेना और आईडीएफ सैनिकों को कब्जे वाले सैनिक कहकर संबोधित किया। इसके अलावा, हमास के हमलों को अमालिया (ऑपरेशन) के रूप में परिभाषित किया जाता है, जबकि आईडीएफ की कार्रवाई को अदुआन (आक्रामक) के रूप में परिभाषित किया जाता है।
केंद्र ने कहा कि सात अक्टूबर, 2023 के हमले और नरसंहार के दौरान अल जजीरा ने हमास आतंकवादियों की इजराइली क्षेत्र में घुसपैठ की लाइव कवरेज की। अपने क्षेत्रीय पत्रकारों के फुटेज प्रसारित किए। इन पत्रकारों में से कुछ हमास की सैन्य शाखा से संबद्ध थे। इन्होंने गाजा पट्टी के पास इजराइली समुदायों और आईडीएफ ठिकानों पर जानबूझकर किए गए हमलों की वीडियोग्राफी की। यही नहीं चैनल के राजनीतिक ब्यूरो के प्रमुख इस्माइल हनीयेह के साथ हमास के राजनीतिक नेतृत्व के वरिष्ठ सदस्य तुर्किये के एक होटल के कमरे में अल जजीरा के लाइव प्रसारण देखते हुए दिखाई दिए। इस तथ्य का खुलासा शेहाब समाचार एजेंसी ने सात अक्टूबर, 2023 की अपनी रिपोर्ट में किया।
इजराइल ने किया हमास-अल जजीरा गठजोड़ का खुलासा, कहा-आतंकवाद का प्रचार पत्रकारिता नहीं
