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एसआईआर : सुनवाई सत्रों में अतिरिक्त सहायता के लिए निर्वाचन आयोग से मांगी अनुमति



कोलकाता:  पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर चल रही प्रक्रिया के बीच मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने भारत निर्वाचन आयोग से अहम अनुमति मांगी है।


कार्यालय ने आग्रह किया है कि ड्राफ्ट मतदाता सूची पर दावों और आपत्तियों की सुनवाई के दौरान निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों की सहायता के लिए सहायक निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों को भी शामिल करने की अनुमति दी जाए।


16 दिसंबर को ड्राफ्ट मतदाता सूची प्रकाशित होने के बाद यह तय किया गया था कि राज्य की 294 विधानसभा सीटों में से हर सीट के लिए 10 निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी सुनवाई की जिम्मेदारी संभालेंगे। 


हालांकि, मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय से जुड़े सूत्रों का कहना है कि प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या काफी अधिक है और इतनी बड़ी संख्या में लोगों की सुनवाई करना केवल निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों के लिए व्यावहारिक रूप से मुश्किल हो सकता है।


इसे देखते हुए प्रस्ताव रखा गया है कि यदि भारत निर्वाचन आयोग से अनुमति मिल जाती है, तो हर विधानसभा क्षेत्र में 10 निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों के साथ 10 सहायक निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी भी सुनवाई प्रक्रिया में मदद करेंगे। इससे दावों और आपत्तियों के निपटारे में तेजी आने की उम्मीद जताई जा रही है।


इस बीच, भारत निर्वाचन आयोग ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय की सुरक्षा के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की तैनाती का भी अनुरोध किया है। बताया जा रहा है कि आयोग के प्रस्ताव के अनुसार विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद जब तक आदर्श आचार संहिता लागू रहेगी, तब तक केंद्रीय बलों की तैनाती जारी रह सकती है।


जानकारी के अनुसार, अंतिम मतदाता सूची 14 फरवरी को प्रकाशित की जानी है और इसके तुरंत बाद राज्य में विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा होने की संभावना है।


मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय की सुरक्षा को लेकर यह कदम ऐसे समय उठाया गया है, जब तृणमूल समर्थित बूथ स्तरीय अधिकारियों के संगठन के सदस्य लगभग रोजाना कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं। कई बार यह प्रदर्शन उग्र रूप भी ले लेता है।


कार्यालय से जुड़े सूत्रों का कहना है कि आयोग राज्य पुलिस की भूमिका से संतुष्ट नहीं है और इसी कारण केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की तैनाती के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय से संपर्क किया गया है।