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राजभवन पर आरोप लगा कर बुरे फंसे टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी विवादित बयानों की वजह सुर्खियों में रहते हैं कल्याण बनर्जी



कोलकाता, । टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी एक बार फिर विवादों के केंद्र में हैं। अपने तीखे और विवादित बयानों के लिए पहचाने जाने वाले बनर्जी ने हाल ही में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद बोस पर आरोप लगाया कि वे कथित रूप से भाजपा समर्थित अपराधियों को संरक्षण दे रहे हैं और राजभवन से हथियार तथा बम उपलब्ध करा रहे हैं ताकि टीएमसी कार्यकर्ताओं पर हमले किए जा सकें।

राज भवन से हथियारों की सप्लाई के उनके आरोपों को खारिज करते हुए राज्यपाल ने कानूनी राय मांगी है और कोलकाता स्थित राजभवन की औपचारिक तलाशी के आदेश करवाई हैं, जिसमें बम दस्ता और स्निफर डॉग भी शामिल रहे। राजभवन की ओर से एफआईआर दर्ज कराए जाने की खबर भी सामने आई है।

ऐसा पहली बार नहीं है, जब इस तरह का बयान उन्होंने दिया है। वह अमूमन ऐसी बातें करते रहते हैं जो केवल राज्य ही नहीं पूरे देश में सुर्खियां बन जाती हैं। चाहे पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की मिमिक्री कर मजाक बनाना हो या हिंदू धर्म को लेकर विवादित टिप्पणी, विवादों से उनका पुराना नाता रहा है।

पार्टी के भीतर और बाहर, संसद से लेकर सडकों तक, उनके तीखे वक्तव्य कई बार विवाद खडा कर देते हैं और नेतृत्व को दखल देना पडता है। अगस्त में उन्हें लोकसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक पद से हटना पडा था। बताया गया कि यह कदम संगठनात्मक मतभेद और कुछ सहकर्मियों के साथ टकराव के बाद उठाया गया था। उन्होंने अपनी ही पार्टी की सांसद महुआ मोइत्रा को लेकर अश्लील टिप्पणी कर दी थी।

नयी दिल्ली में सांसद महुआ मोइत्रा के साथ कल्याण की कहासुनी भी बडे विवाद की वजह बनी। निर्वाचन आयोग कार्यालय में हुए विवाद का वीडियो सोशल मीडिया पर लीक हुआ और उसके बाद एक बंद समूह की मैसेजिंग चैट भी सार्वजनिक हो गई, जिससे मामला और बढ़ गया। अंतत: ममता बनर्जी को हस्तक्षेप कर विवाद पर सार्वजनिक टिप्पणी से सभी को रोकना पडा।

पार्टी सूत्रों के अनुसार बनर्जी को कई मौकों पर ममता तथा अभिषेक बनर्जी दोनों ने चेताया था। अभिषेक पहले ही श्रीरामपुर लोकसभा सीट से उन्हें फिर से टिकट दिए जाने के प्रति अनुकूल नहीं बताए जाते थे। ममता ने उस समय उनका साथ दिया था, लेकिन अब बार-बार होने वाले विवादों से वे भी नाराज बताई जा रही हैं।