कोलकाता। नियुक्ति घोटाले में आरोपित ‘कालीघाट के काकू’ उर्फ
सुजयकृष्ण भद्र ने गुरुवार को एक बार फिर कोर्ट में पेशी से बचते हुए चौथी
बार अनुपस्थिति दर्ज की। सीबीआई ने उन्हें हिरासत में लेने के लिए अदालत
में नई याचिका दायर की थी। हालांकि, उनके वकील ने कोर्ट को सूचित किया कि
‘काकू’ बीमार हैं और फिलहाल प्रेसिडेंसी जेल के अस्पताल में उनका इलाज चल
रहा है। इसी आधार पर कोर्ट में उनकी गैर-हाजिरी का कारण बताया गया।
सीबीआई
ने ‘काकू’ को हिरासत में लेकर उनकी आवाज का नमूना लेने के लिए आवेदन किया
है। इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उन्हें गिरफ्तार किया था। लेकिन
सीबीआई के ‘शोन अरेस्ट’ (पहले से गिरफ्तार आरोपित को दोबारा गिरफ्तार करना)
किए बिना यह प्रक्रिया संभव नहीं है। कोर्ट ने भी स्पष्ट किया कि बिना
शारीरिक उपस्थिति के किसी को हिरासत में नहीं लिया जा सकता। इस वजह से
मामले में जटिलता और बढ़ गई है।
‘काकू’ के वकील ने कोर्ट को बताया
कि उनके मुवक्किल के स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण वह पेश नहीं हो पा
रहे हैं। जेल प्रशासन ने अदालत में मेडिकल रिपोर्ट जमा की है, जिसमें कहा
गया है कि ‘काकू’ को पेट दर्द और कमजोरी की समस्या है।
कोर्ट में
सीबीआई के वकील ने तर्क दिया कि ‘काकू’ और उनके वकील जांच में सहयोग नहीं
कर रहे हैं। वहीं, ‘काकू’ के वकील ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उच्च
न्यायालय में दायर याचिका पर फैसला आने तक सीबीआई कोई कदम नहीं उठा सकती।
गुरुवार
को कोर्ट में सीबीआई ने कुछ दिन पहले गिरफ्तार संतु गांगुली को भी पेश
किया। संतु, पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी के करीबी माने जाते हैं। उनके वकील
ने कोर्ट में दलील दी कि संतु जांच में हमेशा सहयोग करते रहे हैं और उन्हें
जमानत दी जानी चाहिए। हालांकि, सीबीआई ने इस मांग का विरोध करते हुए कहा
कि संतु के जमानत पर बाहर रहने से जांच प्रभावित हो सकती है।