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ट्रंप ने कहा-हमास को निशस्त्र करने के लिए अमेरिकी सेना की जरूरत नहीं होगी


वाशिंगटन,  गाजा पट्टी में आतंकवादी संगठन हमास और इजराइल के बीच लागू युद्धविराम के सूत्रधार अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कहा कि हमास को हर हाल में हथियार छोड़ने होंगे। उन्होंने आश्वस्त होते कहा कि हमास को निशस्त्र कराने के लिए अमेरिकी सेना की जरूरत नहीं पड़ेगी।

एबीसी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार ट्रंप ने बुधवार को दोहराया, "हम चाहते हैं कि हमास हथियार छोड़ दे। हमास ऐसा करने के लिए सहमत भी हो गया है। अब हमास को ऐसा करना ही होगा। अगर वह ऐसा नहीं करता, तो हम उसे ऐसा करने पर बाध्य कर देंगे। उन्होंने पूरी दृढ़ता के साथ कहा कि अमेरिकी सेना को इसमें शामिल होने की जरूरत नहीं होगी।

इससे पहले ट्रंप ने मंगलवार को कहा था उग्रवादी समूह का निशस्त्रीकरण गाजा शांति प्रस्ताव का प्रमुख हिस्सा है। युद्धविराम समझौते के पहले चरण में इस पर जोर नहीं दिया गया। इस बीच दो अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि इजराइल में अमेरिकी नेतृत्व वाला समन्वय केंद्र (कमांड सेंटर) आने वाले दिनों में शुरू हो जाएगा। यह गाजा में युद्धविराम समझौते के कार्यान्वयन की निगरानी करेगा। कमांड सेंटर का नेतृत्व शुरू में एक अमेरिकी थ्री-स्टार जनरल करेंगे। अधिकारियों ने बताया कि कमांडर के पास एक विदेशी डिप्टी भी होगा। वह टू-स्टार अधिकारी के समकक्ष होगा।

इस बीच वरिष्ठ इजराइली अधिकारियों ने हमास पर शांति समझौते के कार्यान्वयन में बाधा डालने का आरोप लगाया है। इजराइली अधिकारियों की इस टिप्पणी पर वरिष्ठ अमेरिकी सलाहकारों ने बुधवार को कहा कि गाजा में युद्ध को समाप्त करने वाला नाज़ुक शांति समझौता कायम दिख रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि हमास शेष बंधकों के शवों को वापस करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है।

वरिष्ठ अमेरिकी सलाहकारों ने कहा, "हमने बहुत से लोगों को यह कहते सुना है कि आप जानते हैं हमास ने समझौते का उल्लंघन किया है, क्योंकि सभी शव वापस नहीं किए गए हैं। हमें लगता है कि उनके साथ हमारी यह सहमति थी कि हम सभी जीवित बंधकों को मुक्त कराएंगे, जिसका उन्होंने सम्मान किया और अभी हमारे पास एक तंत्र मौजूद है जिसके तहत हम मध्यस्थों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और उनके साथ मिलकर अधिक से अधिक शवों को बाहर निकालने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।" सलाहकारों ने कहा कि उनका मानना ​​है कि दोनों पक्ष समझौते पर कायम रहना चाहते हैं।