वॉशिंगटन। संयुक्त राज्य अमेरिका में बुधवार को एक बिटकॉइन की
कीमत बढ़कर 100,000 डॉलर से अधिक हो गई। पहली बार बिटकॉइन की कीमत इस स्तर
पर पहुंची है। अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की राष्ट्रपति पद पर जीत के बाद
इसकी कीमत में लगातार उछाल आ रहा है। क्रिप्टो उत्साही लोगों ने उन्हें
पहला "बिटकॉइन राष्ट्रपति" करार दिया है।
अमेरिका के समाचार पत्र द
न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर के अनुसार, ट्रंप ने राष्ट्रपति चुनाव अभियान के
दौरान खुद को एक बिटकॉइन उत्साही के रूप में प्रचारित किया। उन्होंने
अमेरिका को प्लेनेट की क्रिप्टो कैपिटल के रूप में स्थापित करने और एक
राष्ट्रीय बिटकॉइन रिजर्व बनाने की बात कही थी।
निवेशकों को उम्मीद
है कि ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद परिदृश्य और बदलेगा। इस साल
बिटकॉइन की कीमत में 100 फीसदी तेजी आई है। ट्रंप के जीतने के बाद से चार
सप्ताह में इसकी कीमत 45 फीसदी बढ़ी है। इसके साथ ही बिटकॉइन का मार्केट
कैप पहली बार 2 ट्रिलियन डॉलर के पार पहुंच गई है। यह मास्टरकार्ड,
वॉलमार्ट और जेपी मॉर्गन चेज के संयुक्त मूल्य से अधिक है।
वर्ष
2008 में एक अज्ञात कोडर के बिटकॉइन बनाए जाने पर इसे अपनाने वाले हैकरों
और राजनीतिक कट्टरपंथियों के विविध समूह कई बार करोड़पति बन चुके हैं। इसने
सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाली कॉइनबेस, क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज
जैसी कंपनियों को उद्योग का दर्जा प्रदान किया है।
क्रिप्टो करेंसी के इतिहास के बारे में 2019 में किताब लिखने वाले फिन ब्रंटन का कहना है कि बिटकॉइन की यह प्रभावशाली उपलब्धि है।
प्रभावशाली अमेरिकी क्रिप्टो कंपनी सर्कल के मुख्य कार्यकारी जेरेमी अल्लायर ने कहा, "इस समय उद्योग में भारी उत्साह है।"
कुछ
विशेषज्ञ कहते हैं कि फिर भी, बिटकॉइन में अत्यधिक अस्थिरता का खतरा बना
हुआ है। जब वैश्विक अर्थव्यवस्था संघर्ष करती है तो इसकी कीमत कभी-कभी गिर
जाती है। क्रिप्टो फॉरेंसिक फर्म चैनालिसिस के अनुसार, हालांकि कुछ अवैध
गतिविधियों में कमी आई है। साइबर अपराधियों ने साल के पहले छह महीनों में
लगभग 500 मिलियन डॉलर की फिरौती भुगतान की सुविधा के लिए डिजिटल मुद्रा का
उपयोग किया।
बिटकॉइन 2008 में हैलोवीन पर एक इंटरनेट मेलिंग सूची पर
पोस्ट किए गए नौ पेज के श्वेत पत्र में उल्लिखित विचार था। लेखक एक
रहस्यमय कोडर था। उसने छद्म नाम सातोशी नाकामोटो का इस्तेमाल किया था।
सातोशी की दृष्टि एक प्रकार की डिजिटल मुद्रा थी जिसे लोग हस्तांतरण की
प्रक्रिया के लिए बैंकों पर निर्भर हुए बिना विनिमय कर सकते थे। प्रत्येक
लेनदेन सार्वजनिक रूप से दिखाई देने वाले बही-खाते पर दर्ज होते थे, जिसे
ब्लॉकचेन के रूप में जाना जाता है।