तेल
अवीव। गाजा में बंधकों के साथ आतंकवादी समूह हमास की
बर्बरता से महाशक्तियां विचलित हैं। छह बंधकों की हत्या से इजराइल में
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के प्रति लोगों में तीखा आक्रोश है।
नेतन्याहू पर युद्धविराम के दबाव के लिए जनसैलाब सड़कों पर है। अमेरिका और
ब्रिटेन के तेवर भी नरम पड़े हैं। बावजूद इसके प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने
गाजा से कदम पीछे हटाने से इनकार कर दिया है।
अमेरिकी समाचार पत्र द
न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, देश में हड़ताल और प्रदर्शन के बीच
प्रधानमंत्री नेतन्याहू सोमवार को पत्रकारों के सामने आए। उन्होंने
संवाददाता सम्मेलन में साफ-साफ कहा कि युद्ध तभी समाप्त होगा जब इजराइल
हमास को खत्म कर देगा। नेतन्याहू ने मिस्र की सीमा के साथ गाजा में भूमि की
एक पट्टी पर इजराइल की निरंतर उपस्थिति पर कहा कि यह इजराइल की सुरक्षा के
लिए जरूरी है।
द न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि
वाशिंगटन में राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि नेतन्याहू बंधकों को घर
लाने के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं कर रहे हैं। ब्रिटेन ने भी घोषणा की है
कि वह इजराइल को कुछ हथियारों की बिक्री को निलंबित कर देगा। संचार
माध्यमों में कहा जा रहा है कि अभी भी हमास की कैद में लगभग 100 इजरायली
बंधक हैं। हमास ने नेतन्याहू को धमकी दी है। हमास की सशस्त्र शाखा ने
सोमवार को कहा है कि यदि सैन्य दबाव जारी रहा तो बंधकों को "ताबूतों के
अंदर" इजराइल वापस भेज दिया जाएगा। साथ ही चेतावनी दी है कि यदि इजराइली
सैनिक आते हैं तो बंधकों की सुरक्षा करने वाले आतंकवादियों को "नए निर्देश"
दिए गए हैं। उधर, गाजा में हमास की कैद में मारे गए अमेरिकी-इजराइली बंधक
हेरश गोल्डबर्ग-पोलिन को यरुशलम में अंतिम विदाई दी गई। इसमें हजारों लोग
शामिल हुए।