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ईरान ने शांति की दुहाई पर ट्रंप को घेरा, पेजेशकियन ने कहा- अमेरिका की धमकी से नहीं डरते


तेहरान,। ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने कहा कि देश कभी भी अमेरिका की धमकियों और दबाव के आगे नहीं झुकेगा। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तेहरान पर क्षेत्र में अस्थिरता पैदा करने वाली ताकत होने का आरोप लगाने पर कड़ी निंदा की। उन्होंने गुरुवार को ईरान के पश्चिमी प्रांत केरमानशाह में आर्थिक नीति निर्धारकों और निवेशकों की बैठक में ईरान के प्रति दोहरी नीति अपनाने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका ईरान ने शांति की दुहाई पर ट्रंप को घेरा, पेजेशकियन ने कहा- अमेरिका की धमकी से नहीं डरते
की आलोचना की। उन्होंने कहा कि जो आदमी शांति की दुहाई देता है, वही नरसंहार कराता है।

ईरान के प्रेस टीवी की खबर के अनुसार, राष्ट्रपति पेजेशकियन ने कहा कि ट्रंप को लगता है कि वह हमें प्रतिबंधित कर सकते हैं। हमें धमका सकते हैं। और फिर बैठकर मानवाधिकारों के बारे में बात कर सकते हैं। हम युद्ध नहीं, शांति चाहते हैं। उल्लेखनीय है कि मंगलवार को सऊदी अरब की यात्रा के दौरान ट्रंप ने ईरान को पश्चिम एशिया क्षेत्र में सबसे विनाशकारी ताकत करार दिया था। उन्होंने कहा था कि संयुक्त राज्य अमेरिका ईरान को परमाणु हथियार विकसित करने की अनुमति नहीं देगा।

इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने इस्लामिक गणराज्य ईरान को कतर के दोहा में गुरुवार को आर्थिक निवेशकों की बैठक में चेतावनी दी कि उसके परमाणु कार्यकम को लेकर उत्पन्न गतिरोध का समाधान करने के लिए दो ही विकल्प हैं, पहला या तो समझौता करे या संभावित हवाई हमले के लिए तैयार रहे। इस पर ईरान के राष्ट्रपति ने कहा कि कोई कैसे विश्वास कर सकता है कि जो व्यक्ति खुलेआम बम, मिसाइल और हथियार बनाता है और उस पर गर्व करता है। वह सुरक्षा और शांति को बढ़ावा देने का दावा कर सकता है। पेजेशकियन ने कहा कि जिन लोगों ने गाजा में 60 हजार लोगों का नरसंहार किया। असहाय लोगों को पानी, दवा और भोजन से वंचित कर दिया। वह अब मानवाधिकारों की वकालत करने का झूठा दावा करते हैं। पेजेशकियन ने कहा कि वे दुनिया की आंखों के सामने नरसंहार करते हैं और बेशर्मी से शांति की बात करते हैं।

ईरान के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान में मंगलवार को अमेरिकी राष्ट्रपति की देश के खिलाफ की गई अपमानजनक टिप्पणियों को दृढ़ता से खारिज कर दिया। बयान में ट्रंप को झूठा और विभाजनकारी बताया। मंत्रालय ने ट्रंप के आरोपों की निंदा करते हुए कहा कि यह क्षेत्र की वास्तविकता को विकृत करने और तेहरान पर दोष मढ़ने का प्रयास है।