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भारत से एलएसी पर पेट्रोलिंग का मामला सुलझने की चीन ने भी की पुष्टि



नई दिल्ली। चीन ने भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गश्त की व्यवस्था को लेकर नई दिल्ली और बीजिंग के बीच हुए समझौते की पुष्टि कर दी है। बीजिंग की ओर से यह पुष्टि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के 16वीं ब्रिक्स बैठक के लिए कजान रवाना होने के बाद की गई। इस बैठक में शामिल होने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी आज ही कजान पहुंचे हैं।

'ग्लोबल टाइम्स' के अनुसार चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने मंगलवार को एक नियमित संवाददाता सम्मेलन के दौरान विवादित क्षेत्रों में पेट्रोलिंग को लेकर चीन और भारत के बीच समझौते के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में यह पुष्टि की। लिन ने कहा कि चीन और भारत ने सीमा से जुड़े मुद्दों पर राजनयिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से निकट संचार बनाए रखा है। वर्तमान में दोनों पक्ष प्रासंगिक मामलों पर प्रस्तावों पर पहुंच गए हैं, जिसके बारे में चीन अत्यधिक बात करता है। लिन ने कहा कि अगले चरण में चीन इन प्रस्तावों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए भारत के साथ काम करेगा।

भारत के विदेश मंत्री डा. एस जयशंकर ने सोमवार को नई दिल्ली में एक टीवी न्यूज चैनल के कार्यक्रम के दौरान कहा था कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन के बीच अग्रिम मोर्चों से सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया पूरी हो गई है तथा मई 2020 के पहले की स्थिति कायम हो गई है। भारतीय सैन्य टुकड़ियां अब उस इलाके में गश्त कर सकेंगी, जहां वे पहले ऐसा करती थीं। उन्होंने कहा कि यह एक सकारात्मक घटनाक्रम है तथा यह धैर्य और लगन से चलाई गई कूटनीति की सफलता है।

उन्होंने कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर वर्ष 2020 के बाद भारत-चीन ने एक दूसरे को कुछ क्षेत्रों में जाने से रोक दिया था। अब यह सहमति बनी है कि इन क्षेत्रों में सैनिकों को गश्त करने की अनुमति होगी। विदेश मंत्री ने कहा, “ मेरी जानकारी के अनुसार हम हमारे सैनिक वहां गश्त कर सकेंगे, जहां वे मई 2020 से पहले गश्त करते थे, वह स्थिति बहाल हो गई है।” उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर भारत और चीन के बीच वार्ता काफी समय से जारी थी। वे सितंबर 2020 में चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मास्को में मिले थे। तभी से वार्ता प्रक्रिया जारी थी। नए घटनाक्रम से सीमा क्षेत्र में शांति और सामान्य स्थिति कायम होगी।

इससे पहले भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने सोमवार को एक प्रेस कान्फ्रेंस में कहा था कि भारत और चीन सीमावर्ती क्षेत्रों में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ गश्त व्यवस्था पर एक समझौते पर पहुंच गए हैं, जिससे सैनिकों की वापसी होगी और 2020 में उत्पन्न हुए मुद्दों का समाधान होगा और हम इस पर अगला कदम उठाएंगे।