अयोध्या। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के
मार्गदर्शन में अयोध्या ध्वजारोहण समारोह के लिए पूरी तरह सज–धजकर तैयार हो
रही है। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की जन्मभूमि में भक्ति, उत्साह
और उल्लास का ऐसा संगम दिखाई दे रहा है कि पूरा शहर 'जय श्रीराम' के उद्घोष
से गुंजायमान हो उठा है।
राम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर 25 नवंबर
को होने वाले ऐतिहासिक ध्वजारोहण समारोह की तैयारियां अब चरम पर हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति इस पर्व को और भी ऐतिहासिक बनाएगी।
ध्वजारोहण समारोह का शुभारंभ मार्गशीर्ष अमावस्या के पावन अवसर पर 20 नवंबर
को कलश यात्रा से होगा, जबकि समापन 25 नवंबर को विवाह पंचमी के शुभ
मुहूर्त में होगा। प्रधानमंत्री मोदी स्वयं श्रीराम मंदिर शिखर पर केसरिया
धर्म ध्वज फहराएंगे। देशभर की निगाहें इस क्षण का साक्षी बनने के लिए
अयोध्या पर टिकी हुई हैं।
धार्मिक और सांस्कृतिक माहौल में डूब
चुकी अयोध्या को आकर्षक रोशनी, फूलों की सजावट और भव्य रंगोलियों से सजाया
गया है। हर ओर भक्तों की भीड़ और जयकारों का माहौल है। सुबह-शाम राम धुन और
मंत्रोच्चारण की गूंज से वातावरण और भी पावन हो उठा है।
राम
जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि यह आयोजन
केवल धार्मिक नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और एकता का भव्य प्रतीक बनने जा
रहा है। देशभर के प्रमुख संतों, विद्वानों, राजनेताओं, समाजसेवियों और
हजारों श्रद्धालुओं को आमंत्रित किया गया है। अतिथियों के सम्मान में मंदिर
परिसर में रेड कारपेट बिछाया जाएगा।
20 नवंबर को होने वाली कलश
यात्रा समारोह की आधिकारिक शुरुआत करेगी। पवित्र यात्रा में 250 से अधिक
महिलाएं भाग लेंगी, जो कलश लेकर मंदिर परिसर में परिक्रमा करेंगी। काशी के
प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ द्वारा तय किए गए
शुभ मुहूर्त में आयोजित यह यात्रा पूरे माहौल को भक्तिमय बना देगी।
जिलाधिकारी निखिल टीकाराम के अनुसार अयोध्या में सुरक्षा के लिए व्यापक
इंतजाम किए गए है। सीसीटीवी निगरानी, ड्रोन सर्विलांस, ट्रैफिक कंट्रोल और
इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम तैनात हैं।
दक्षिण भारत के प्रतिष्ठित
आचार्य और विद्वान अयोध्या पहुंच चुके हैं। वे 21 नवंबर से वैदिक
अनुष्ठानों की शुरुआत करेंगे। इनमें शामिल होंगे वैदिक मंत्रोच्चारण, हवन,
विशेष पूजन, राम–सीता विवाह की परंपराओं का जीवंत स्वरूप ये अनुष्ठान 25
नवंबर तक लगातार चलेंगे, जिनके माध्यम से राम विवाह उत्सव की दिव्यता को
पुनर्जीवित किया जाएगा।
तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार, 23 से 25
नवंबर तक विशेष कार्यक्रमों की श्रृंखला चलेगी। इनमें सांस्कृतिक
प्रस्तुतियां, लोक नृत्य, भक्तिमय संगीतमय आयोजन होंगे। छह छोटे मंदिरों और
सप्त मंदिरों की विशेष पूजा, इन कार्यक्रमों को देखने के लिए देशभर से आने
वाले श्रद्धालुओं में उत्साह चरम पर है।
मुख्यमंत्री योगी
आदित्यनाथ ने मंगलवार को अयोध्या पहुंचकर तैयारियों का विस्तृत स्थलीय
निरीक्षण किया। उन्होंने साकेत महाविद्यालय परिसर स्थित हेलीपैड, राम मंदिर
परिसर और आसपास के क्षेत्रों का जायजा लेते हुए अधिकारियों को आवश्यक
दिशा-निर्देश दिए। योगी सरकार ने ध्वजारोहण समारोह को ऐतिहासिक बनाने के
लिए अयोध्या में करोड़ों की विकास परियोजनाएं पूरी की हैं, जिनमें
अंतरराष्ट्रीय स्तर का एयरपोर्ट, अत्याधुनिक रेलवे स्टेशन, चौड़ी व आधुनिक
सड़कों का निर्माण, पार्किंग जाेन और बैरिकेडिंग, आकर्षक लाइटिंग, सुरक्षा
को लेकर अयोध्या में तीन स्तर की विशेष व्यवस्था लागू है। वीआईपी आगमन को
देखते हुए पुलिस, पीएसी, एटीएस और खुफिया इकाइयां अलर्ट पर हैं।
इस
ऐतिहासिक अवसर पर अयोध्या केवल धार्मिक आयोजन का केंद्र नहीं, बल्कि भारत
की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत का चमकता प्रतीक बन रही है। ध्वजारोहण
समारोह के लिए देश भर के भक्तों में उत्साह चरम पर है और रामनगरी इस
महाउत्सव को अविस्मरणीय बनाने के लिए पूरी तरह तैयार है।
अयोध्या में कलश यात्रा के साथ शुरू होगा ध्वजारोहण का अनुष्ठान
