कोलकाता: ''संघ को देख कर समझना संभव नहीं, इसे महसूस करना
होगा।'' यह बात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने
रविवार को कोलकाता के साइंस सिटी सभागार में आयोजित व्याख्यान शृंखला "संघ
के 100 वर्ष- नए क्षितिज" के प्रथम सत्र को संबोधित करते हुए कही।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को देख कर समझना संभव नहीं, महसूस करना होगा : मोहन भागवत
डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि आज
देश भर में संघ एक लाख 20 हजार प्रकल्पों के जरिये देश और समाज के उत्थान
का प्रयत्न कर रहा है। यदि संघ को समझना हो तो संघ के बारे में अपने विचार
अलग रख कर इसे महसूस करना होगा।
संघ के स्थापना की पृष्ठभूमि का जिक्र करते
हुए उन्होंने कहा कि संघ किसी परिस्थिति के प्रतिक्रिया स्वरूप, किसी के
विरोध के लिए, किसी से स्पर्धा करने अथवा उपलब्धियां हासिल करने के
उद्देश्य से नहीं बना। यह हिंदू समाज के सर्वांगीण उत्थान के लिए अस्तित्व
में आया।
