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नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपित काे मिला कारावास और अर्थ दंड की दी सजा


अररिया  अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश षष्टम सह विशेष न्यायाधीश पोस्को कोर्ट अजय कुमार की न्यायालय ने नाबालिग पीड़िता के साथ जबरन दुष्कर्म की घटना को अंजाम देने वाले दोषी को दस साल की सश्रम कारावास के साथ 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। न्यायालय ने दोषी को भादवि की धारा 376 के अंतर्गत दोषी करार दिया और सजा मुक्करर किया।न्यायालय ने जुर्माने की रकम नहीं अदा करने पर दोषी को दो महीने तक की अतिरिक्त सजा भुगतने का भी आदेश अपने निर्णय में दिया।सजा पाने वाला दोषी नरपतगंज थाना क्षेत्र के फरही वार्ड संख्या सात का रहने वाला दीपक कुमार बहरदार, पिता बलि बहरदार है।

न्यायालय ने विक्टिम कंपनसेशन एक्ट के अंतर्गत पीड़िता के पक्ष में पांच लाख रुपए क्षतिपूर्ति देने का भी आदेश अपने निर्णय में दिया, जिसमें दो लाख रुपए पीड़िता के पक्ष में जिला विधिक सेवा प्राधिकार के द्वारा कंपनसेशन की राशि नाबालिग के खाते में डाली जानी है ।

न्यायालय ने विशेष पोस्को वाद संख्या 15/2020 में सजा सुनाई, जो कि नरपतगंज थाना कांड संख्या 228/2020 से संबंधित है। इसके सूचक पीड़िता स्वयं हैं और वाद में यदिे कोई कंपनसेशन की राशि पीड़िता को दी गई हैं तो वह राशि समायोजित किया जाएगा ।

दर्ज कराई गई प्राथमिकी में नाबालिग 14 वर्षीया पीड़िता ने बताया था कि जब वह शौच के लिए घर से बाहर निकली तो दोषी उसे जबरदस्ती मकई के खेत में ले जाकर उसका कपड़ा फाड़कर मुंह में रुमाल ठूस कर उसके साथ बलात्कार की घटना को अंजाम दिया। जिसकी जानकारी पीड़िता ने अपनी माता पिता और समाज के गणमान्य व्यक्तियों को दिया, पर घटना के संबंध में कोई पंचायत नहीं होने पर नाबालिग पीड़िता ने प्राथमिकी दर्ज कराई ।

सजा की बिंदु पर अधिवक्ता प्रदीप लाल दास और सरकार की ओर से विशेष लोक अभियोजक पोस्को अधिनियम श्याम लाल यादव ने न्यायालय के समक्ष अपनी दलीले रखी। दोनों ही पक्षो को सुनने के बाद न्यायालय ने जानबूझकर कर जघन्य किए गए अपराध का दोषी करार देते हुए बीस साल की सश्रम कारावास और 50 हजार रुपये के अर्थ दंड की सजा सुनाई ।