खूंटी, चाय भी बड़ी दिलचस्प चीज है। हालांकि चाय को दोस्ती और
मान-सम्मान का प्रतीक माना जाता है, पर यह भी राजनीतिक मुद्दा बन चुका है।
जब किसी विषय या उद्देश्य पर चर्चा करनी हो, तो चाय की चुस्कियां इसमें
काफी सहायक सिद्ध होती हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2012 में इसे
राजनीतिक रूप दे देते हुए इसे चाय पर चर्चा का नाम दिया। लोकसभा चुनाव को
लेकर इस समय पूरे देश में सियासी माहौल गर्म है।
हम जहां भी नजर
घुमाएंगे, चाय की गुमटियों, होटलों पर विभिन्न राजनीतिक दल के लोग चाय पर
चर्चा करते हुए नजर आ जाएंगे। पहले तो सिर्फ भाजपा ही चाय पर चर्चा करती
थी, लेकिन अब विपक्ष ने भी इस अभियान की शुरुआत कर दी है। चाय पर चर्चा के
दौरान पक्ष-विपक्ष यदि दोनों मिल जाएं, तो राजनीतिक चर्चा का माहौल और
मजेदार हो जाता है। खूंटी संसदीय क्षेत्र की बात करें, तो भाजपा की ओर से
चाय पर चर्चा के दौरान मोदी सरकार की उपलब्धि धारा 370, तीन तलाक, अयोध्या
में राम मंदिर का निर्माण, आर्थिक नीति, विदेश नीति आदि प्रमुख मुद्दे हैं।
वहीं विपक्ष बेरोजगारी, सीएनटी एक्ट, पलायन, संविधान बदलने जैसे मुद्दों
को हवा दे रहा है। तोरपा के प्रसिद्ध मुखिया होटल में बुधवार को चाय की
चुस्कियां लेते हुए मोदी सरकार के कार्यों का बखान कर रहे थे। भाजपा प्रदेश
कार्यसमिति के सदस्य संतोष जयसवाल कहते हैं कि यह कोई गली-नाली का चुनाव
नहीं, बल्कि राष्ट्र की अस्मिता और देश के भविष्य के निर्माण का चुनाव है।
भाजपा नेता कहते हैं मोदी सरकार के दस साल की उपलब्ध्यिों को देखें और
कांग्रेस के 60 साल के शासनकाल को, अंतर साफ पता चल जायेगा। इस बार काम
केंद्र सरकार की उपलब्ध्यिों और उसकी योजनाओं को लेकर भाजपा चुनाव मैदान
में उतरी है और इसी के आधार पर हम इस बार चार सौ पार के आंकड़े को छू
पायेंगे।
भाजपा के ही रामाशीष महतो और धमेंद्र कुमार कहते हैं कि
विपक्ष के पास कोई मुद्दा ही नहीं है, इसलिए लोगों को संविधान बदलने,
सीएनटी एक्ट को खत्म करने जैसे बिना मतलब की बातों को लेकर बरगला रहा है,
जबकि सच्चाई है कि मोदी सरकार तीसरी बार सत्ता में आयी, तो न संविधान
बदलेगा और न ही किसी की जमीन छीनी जायेगी, लेकिन इंडी गठबंधन के नेता लोगों
को खासकर आदिवासियों को इस मामले को लेकर भयभीत कर रहे हैं और उन्हें
बरगला रहे हैं, पर विपक्ष की यह चाल कभी सफल नहीं होगी, क्योंकि सभी को पता
है कि न तो संविधान कों बदला जा सकता है और न ही आदिवासियों की जमीन छीनी
जायेगी।
भाजपा नेताओं ने कहा कि विपक्ष के नेता बतायें कि मोदी
सरकार के दस साल के कार्यकाल के दौरान किस आदिवासी की जमीन लूटी गई और
संविधान में क्या संशोधन हुआ। उन्होंने कहा कि भाजपा के दस साल के कार्यकाल
के दौरान ने देश में सांप्रदायिक दंगे हो रहे हैं और न ही पाकिस्तान हम पर
हमला करने की हिम्मत कर रहा है। उन्होंने कहा कि मोदी की गारंटी ही देश के
विकास की गारंटी है। इसकें विपरीत कांग्रेस अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश
महासचिव कैसर खान और वरिष्ठ कांग्रेस नेता शिव शंकर साहू कहते हैं कि
भाजपा प्रत्याशी और केंद्री यमंत्री अर्जुन मुंडा अपने पांच साल की
उपलब्धियां बतायें, कि केंद्र में जनजातीय मामलों और कृषि मंत्री रहते
उन्होंने खूंटी के विकास के लिए क्या किया है। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि
अर्जुन मुंडा को तो क्षेत्र के लोगों ने देखा तक नहीं है। इस बार खूंटी
संसदीय क्षेत्र की जनता भाजपा को सबक सीखाने का मन बना चुकी है।