अहमदाबाद। हर साल 6 सितंबर का दिन ‘राष्ट्रीय पुस्तक पढ़ें दिवस’
के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस का उद्देश्य पढ़ने के आनंद का उत्सव
मनाना और पढ़ने की गतिविधियों में लोगों की रुचि को बढ़ाने के लिए उन्हें
प्रोत्साहित करना है। पुस्तक पढ़ने के महत्व को ध्यान में रखते हुए गुजरात
के तत्कालीन मुख्यमंत्री एवं भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
ने गुजरात के नागरिकों के लिए ‘वाँचे गुजरात’ (पढ़े गुजरात) अभियान शुरू
किया था। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान गुजरात के सभी पुस्तकालयों को
ग्रंथों-पुस्तकों से समृद्ध बनाने का कार्य किया था। आज वर्तमान
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में भी पीएम मोदी के इस कार्य को आगे
बढ़ाया जा रहा है। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में हाल ही में राज्य के 21
जिलों की 50 तहसीलों में सरकारी पुस्तकालय शुरू करने का ऐतिहासिक निर्णय
किया गया है। इनमें आदिजाति बाहुल्य सात जिलों की 14 तहसीलों में पुस्तकालय
खोलने की अनुमति दी गई है।
राज्य के आदिजाति बहुल क्षेत्रों में
रहने वाले आदिवासी समुदायों के लोगों में पठन के प्रति जागरुकता लाने तथा
उन्हें पठन के प्रति प्रेरित करने के उद्देश्य से राज्य की सभी आदिजाति
तहसीलों में भी पुस्तकालय कार्यरत करने की योजना है। इसके अंतर्गत राज्य के
आदिजाति बहुल 7 जिलों की 14 तहसीलों में पुस्तकालय शुरू करने के लिए
स्वीकृति दी गई है। इसके फलस्वरूप गुजरात की प्रत्येक आदिजाति तहसील के सभी
आदिवासी समुदायों को पठन सेवा का 100 प्रतिशत लाभ प्राप्त होगा।
ग्रामीण क्षेत्रों में भी सरकारी पुस्तकालय शुरू करने का निर्णय
गुजरात
के ग्रामीण क्षेत्रों में पुस्तकालय शुरू करने पर भी राज्य सरकार ने विचार
किया है। राज्य सरकार ने समाज के पठन प्रेमी नागरिकों को सार्वजनिक
ग्रंथालय की सुविधाएं सरलता से उपलब्ध कराने के लिए इस वर्ष राज्य में अधिक
से अधिक अनुदानित पुस्तकालय शुरू करने का निर्णय किया गया। सरकारी तहसील
पुस्तकालय शुरू करने का निर्णय किया है। उल्लेखनीय है कि राज्य की स्थापना
से लेकर आज तक एक साथ एक ही वर्ष में इतनी बड़ी संख्या में पुस्तकालयों को
स्वीकृति देने का यह निर्णय ऐतिहासिक है।
सार्वजनिक पुस्तकालयों के लिए सहायक अनुदान संबंधी नीति
पुस्तकों,
सामयिकों, आलेखों तथा सचित्र शिक्षा के संसाधनों द्वारा लोगों में पठन के
प्रति रुचि जगाने एवं ज्ञान का प्रचार करने के उद्देश्य से समग्र राज्य में
सार्वजनिक पुस्तकालयों की स्थापना तथा विकास करने के लिए सार्वजनिक
ग्रंथालय की मान्यता व सहायक अनुदान संबंधी नीति निर्धारित की गई है। राज्य
सरकार की ओर से दिए जाने वाले अनुदान में वर्ष 2023-24 से अनुदानित
ग्रंथालयों को लोगों के आर्थिक योगदान से मुक्ति देकर 100 प्रतिशत अनुदान
में वृद्धि करने को मंजूरी दी गई है। यानी ग्रंथालयों को पहले जो लोगों से
25 प्रतिशत आर्थिक सहयोग जुटाना पड़ता था, उससे मुक्ति दी गई है और अब
राज्य सरकार 100 प्रतिशत अनुदान उपलब्ध कराएगी। इसके अतिरिक्त; ग्रंथालयों
के प्रकारों विशिष्ट ग्रंथालय, शहर ग्रंथालय, महिला एवं बाल ग्रंथालय,
ग्राम ग्रंथालय आदि के आधार पर अनुदान की दरों में वृद्धि करने को भी राज्य
सरकार ने स्वीकृति दी है। राज्य में अधिक से अधिक अनुदानित ग्रंथालय शुरू
करने का आयोजन शुरू किया गया है।
स्व. मोतीभाई अमीन ग्रंथालय सेवा पुरस्कार राशि में भी वृद्धि
राज्य
के अनुदानित ग्रंथालयों की सेवाओं को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से लागू
स्व. मोतीभाई अमीन ग्रंथालय सेवा पुरस्कार एवं उत्तम ग्रंथालय सेवा
प्रमाणपत्र योजना में विजेता ग्रंथालयों व उनके ग्रंथपालों को दी जाने वाली
पुरस्कार राशि में भी 50 प्रतिशत की वृद्धि गुजरात सरकार द्वारा की गई है।
इस योजना में प्रज्ञाचक्षु ग्रंथालयों तथा विशिष्ट ग्रंथालयों की श्रेणी
को भी जोड़ा गया है, जिससे राज्य के अनुदानित ग्रंथालयों के बीच ग्रंथालय
सेवाएँ देने के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धात्मक वातावरण बना रहेगा।