अहमदाबाद। नरेन्द्र मोदी के मुख्यमंत्रित्वकाल में शुरू की गई
गुजरात की अविरत विकास यात्रा के 23 वर्ष पूर्ण हुए हैं। इन 23 वर्षों के
दौरान गुजरात ने अनेक संकल्प-सिद्धियाँ प्राप्त की हैं। इसकी विकास गाथा
जन-जन में उजागर करने के लिए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में
राज्य में 7 से 15 अक्टूबर के दौरान ‘विकास सप्ताह’ मनाया जा रहा है। वर्ष
2003 में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से राज्य में शुरू
हुई ‘वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट’ (वीजीजीएस) का उल्लेख किए बिना गुजरात
की विकास यात्रा तथा विकास सप्ताह उत्सव, दोनों अधूरे हैं।
7
अक्टूबर, 2001 को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने वाले नरेन्द्र मोदी ने
गुजरात को देश की आर्थिक महासत्ता बनाने के लिए निवेशकों को आकर्षित करने
के उद्देश्य के साथ ‘वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट’ की परिकल्पना की थी।
इसके बाद कॉर्पोरेट लीडर्स, विभिन्न क्षेत्रों के निवेशकों, थॉट लीडर्स,
पॉलिसी तथा ओपिनियन मेकर्स एक मंच पर लाने के लिए गुजरात में पहली बार वर्ष
2003 में ‘वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट’ का आयोजन किया गया था। गुजरात
में अब तक आयोजित ‘वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट’ के कुल 10 संस्करणों को
भव्य सफलता मिली है। वीजीजीएस के इन दस संस्करणों गुजरात में कुल लगभग
103.37 लाख करोड़ रुपये से अधिक के प्रस्तावित निवेश के साथ 2 लाख से अधिक
एमओयू किए गए हैं। वीजीजीएस के फलस्वरूप अनेक प्रतिष्ठित एवं वैश्विक
उद्योगों ने गुजरात में निवेश किया, जिसके कारण गुजरात आज देश के विकास का
ग्रोथ इंजन बना है।
गुजरात में वर्ष 2003 में ‘वाइब्रेंट गुजरात
ग्लोबल समिट’ का पहली बार आयोजन केवल 5 सहभागी संस्थानों, 200 प्रवासी
भारतीयों (एनआरआई) तथा 200 अग्रणी महानुभावों के साथ हुआ था। इस प्रथम
वीजीजीएस में 66,000 करोड़ रुपये से अधिक के प्रस्तावित निवेश के साथ 80
एमओयू हुए थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा गुजरात में बोया गया यह
बीज आज विशाल वटवृक्ष बन गया है। हाल ही में (जनवरी-2024) मुख्यमंत्री
भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व तथा उद्योग मंत्री बलवंतसिंह राजपूत के
मार्गदर्शन में आयोजित वीजीजीएस के 10वें संस्करण में 35 देश तथा 16
प्रतिष्ठित संस्थान सहभागी हुए थे।
इतना ही नहीं, वीजीजीएस के 10वें
संस्करण में लगभग 140 से अधिक देश एवं अधिक देश-विदेश के 61,000 से अधिक
प्रतिनिधि शामिल हुए। 10वीं ‘वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट’ अंतर्गत फरवरी,
2019 से जनवरी, 2024 तक गुजरात में लगभग 47.51 लाख करोड़ रुपये से अधिक के
प्रस्तावित निवेश के लिए 98,900 से अधिक एमओयू किए गए। फलस्वरूप
सर्वसमावेशी वृद्धि तथा टिकाऊ विकास के लिए जरूरी बिजनेस नेटवर्किंग, नॉलेज
शेयरिंग तथा स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप के लिए वीजीजीएस सबसे प्रतिष्ठित फोरम
के रूप में प्रस्थापित हुई है। वर्ष 2003 में आयोजित प्रथम वीजीजीएस को
मिली अद्भुत सफलता के बाद इसके हर संस्करण को एग्जीबिटर्स व सहभागियों की
ओर से असाधारण समर्थन मिला। लगभग 36 एग्जीबिटर्स के साथ आयोजित प्रथम
संस्करण के बाद हाल में इस वीजीजीएस में 2,000 से अधिक एग्जीबिटर्स द्वारा
एग्जीबिशन आयोजित किए गए हैं।
‘वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट’ के
फलस्वरूप वर्ष 2002-03 से 2022-23 के दौरान गुजरात की संयोजित वार्षिक
विकास दर (सीएजीआर) 15 प्रतिशत पर पहुँची है, जो राष्ट्रीय औसत से भी अधिक
है। इसके साथ ही सकल राज्य घरेलू उत्पाद की दृष्टि से भी गुजरात
निरंतरतापूर्ण ढंग से देश में सबसे तेजी से विकास कर रहे राज्यों में से एक
है। गुजरात की बेरोजगारी दर भी केवल 2.2 प्रतिशत है। वीजीजीएस के फलस्वरूप
ही गुजरात औद्योगिक क्षेत्र में सबसे तेज गति से विकास करने वाला राज्य
बना है। इतना ही नहीं, वीजीजीएस के फलस्वरूप ही गुजरात में सुजुकी, होंडा,
हिटाची, टोयटा, बॉम्बार्डियर, बैंक ऑफ अमेरिका, डीबीएस, एबोट, एक्जोनोबल,
बीएएसएफ, सोंगवोन, यूनिलीवर, प्रोक्टर एंड गैम्बल, बेयर्सडोर्फ, आर्सेलर
मित्तल, पीओएससीओ, शेल, वेस्टास, वोपाक जैसे प्रतिष्ठित उद्योगों की ओर से
देश में सर्वाधिक विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) प्राप्त हुआ है। राज्य
में 100 से अधिक फॉर्च्यून तथा 500 वैश्विक कंपनियों सहित विश्व की अनेक
बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ कार्यरत हैं।