सूरत,। सूरत रेलवे स्टेशन को मल्टी-मॉडल ट्रांसपोर्ट हब
(एमएमटीएच) के रूप में विकसित किया जा रहा है। यह रेलवे, जीएसआरटीसी, सिटी
बस टर्मिनल स्टेशन, मेट्रो आदि को एकीकृत करेगा, जो इन सभी के बीच
यात्रियों को निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। सूरत स्टेशन को
वास्तुशिल्पीय परिवेश के साथ डिजाइन किया गया है, जिससे यह सुनिश्चित होगा
कि संपूर्ण स्टेशन परिसर का समग्र स्वरूप और अनुभव अंतरराष्ट्रीय मानकों के
व्यवसाय केंद्र जैसा हो। इस प्रोजेक्ट पर तेजी से काम रहा है, वहीं कई
सेक्टर में काम पूर्णता की और भी है।
पश्चिम रेलवे के मुख्य
जनसंपर्क अधिकारी विनीत अभिषेक के अनुसार, सूरत स्टेशन पुनर्विकास
परियोजना की कुल अनुमानित लागत लगभग 1,477 करोड़ रुपये है, जिसमें गुजरात
सरकार का योगदान लगभग 481 करोड़ रुपये है, जबकि रेलवे का योगदान 996 करोड़
रुपये से अधिक है। पुनर्विकास कार्य सूरत इंटीग्रेटेड ट्रांसपोर्ट
कारपोरेशन (एसआईटीसीओ) कर रहा है, जो भारतीय रेल और गुजरात सरकार के सहयोग
से गठित एक स्पेशल परपज़ वेहिकल (एसपीवी) है। इस परियोजना में स्टेशन भवन
का विस्तार, प्लेटफॉर्म उन्नयन, यात्री सुविधाओं में सुधार और स्टेशन परिसर
का सौंदर्यीकरण शामिल है। इसके तहत उपयुक्त अग्रभाग, फिनिश, रंग, सामग्री,
बनावट के माध्यम से एकीकृत थीम इसकी भव्यता में वृद्धि करेगी। भारत के
सबसे तेजी से बढ़ते शहरों में से एक और व्यापार एवं वाणिज्य का प्रमुख
केंद्र सूरत रेलवे स्टेशन यात्री आवागमन और आर्थिक गतिविधियों के लिए एक
महत्वपूर्ण केंद्र में तब्दील हो जाएगा।
त्योहारों में भीड़ नियंत्रित करेगा यात्री होल्डिंग क्षेत्र
रेलवे
अधिकारी ने आगे बताया कि सूरत स्टेशन पर पुनर्विकास कार्य तेजी से प्रगति
पर है। स्टेशन भवन क्षेत्र के पूर्व की ओर, आरपीएफ बैरक, अस्पताल और रनिंग
रूम का निर्माण पूरा हो चुका है। बेहतर भीड़ प्रबंधन के लिए विशेष रूप से
त्योहारी सीजन के दौरान भवन के पश्चिम की ओर एक नया यात्री होल्डिंग
क्षेत्र भी बनाया गया है। इलेक्ट्रिकल इंटरलॉकिंग (ईआई) भवन को भी
सफलतापूर्वक पूर्ण कर दिया गया है और फीडर लाइन को स्थानांतरित कर दिया गया
है। जीएसआरटीसी भवन के निर्माण में उल्लेखनीय प्रगति हुई है, जिसमें 50
फीसदी से अधिक काम पूरा हो गया है। रेलवे स्टेशन के पूर्व की ओर का काम
प्रगति पर है, जिसमें राफ्ट फाउंडेशन का शत-प्रतिशत पूरा हो गया है। इसके
अलावा, रेलवे स्टेशन के कॉनकोर्स और पश्चिमी हिस्से का कार्य भी प्रगति पर
है। फेज़-II में 5.5 किलोमीटर लंबे एलिवेटेड रोड नेटवर्क पर कार्य प्रगति
पर है, जिसमें 2 रोड ओवर ब्रिज (आरओबी) होंगे। यह एलिवेटेड रोड नेटवर्क
परियोजना के अंतर्गत आने वाली सभी प्रमुख इमारतों को जोड़ेगा, जिसकी लागत
लगभग 497 करोड़ रुपये है और इसके अगले 2.5 वर्षों में पूरा होने की उम्मीद
है।
यह है योजना
रेलवे अधिकारी के अनुसार पुनर्विकसित सूरत
स्टेशन पर विश्वस्तरीय यात्री सुविधाएं उपलब्ध होंगी, जिनमें 10,900 वर्ग
मीटर में फैला विशाल सभागार, लाउंज, खुदरा दुकानें और स्काईवॉक शामिल हैं।
भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्लेटफॉर्म के ऊपर अतिरिक्त सुविधाएं विकसित
की जाएंगी। यात्रियों की सुगम आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए स्टेशन पर 41
लिफ्ट और 70 एस्केलेटर होंगे और दिव्यांगजन यात्रियों के लिए यह पूरी तरह
से सुलभ होगा। स्टेशन को प्लैटिनम रेटेड ग्रीन बिल्डिंग के रूप में विकसित
किया जा रहा है, जिससे पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा और ऊर्जा, जल तथा
अन्य संसाधनों का कुशल उपयोग सुनिश्चित होगा।
पश्चिम रेलवे कर रहा 124 रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास
पश्चिम
रेलवे द्वारा 124 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की महत्वाकांक्षी योजना
शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य यात्रियों के लिए अत्याधुनिक सुविधाएँ और
बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराना है। इस पुनर्विकास परियोजना में
मुंबई सेंट्रल मंडल के 30 स्टेशन, वडोदरा के 18, रतलाम के 19, अहमदाबाद के
20, भावनगर के 20 और राजकोट मंडल के 17 स्टेशन शामिल हैं। इन स्टेशनों को
आधुनिक सुविधाओं और विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ अपग्रेड किया
जाएगा, जिससे यात्रियों के लिए यात्रा का अनुभव बेहतर होगा और रेलवे
परिचालन अधिक कुशल होगा।