काठमांडू। इस वर्ष 06 दिसंबर को होने वाले विवाह पंचमी महोत्सव की
तैयारी शुरू हो गई है। जनकपुरधाम के जानकी मंदिर में होने वाले विवाह
महोत्सव में अयोध्या से बारात लाने का निमंत्रण देने के लिए जल्द ही
अयोध्या में प्रदेश के मुख्यमंत्री के स्वयं जाने की तैयारी है।
शनिवार
को जनकपुरधाम के जानकी मंदिर परिसर में विवाह पंचमी की तैयारी को लेकर
सर्वपक्षीय बैठक बुलाई गई। इस बैठक में मधेश प्रदेश सरकार, जानकी मंदिर के
महंथ, जिला प्रशासन, स्थानीय सुरक्षा अधिकारी, उद्योग व्यापार संघ, विभिन्न
धार्मिक एवं सामाजिक संघ संस्थाओं के प्रतिनिधि की उपस्थिति रही। इस बैठक
में विवाह पंचमी को भव्य रूप से सफल बनाने के लिए सभी के साथ समन्वय करने
के लिए कई समितियों का गठन किया गया।
जानकी मंदिर के महंथ राम
तपेश्वर दास ने बताया कि इस बार विवाह पंचमी में श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट
के महासचिव चंपत राय, विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय महासचिव राजेंद्र
पंकज, ट्रस्ट के अन्य पदाधिकारी सहित अयोध्या से करीब 500 की संख्या में
बारात अयोध्या से जनकपुरधाम आने की सूचना मिली है। इसमें भारत के कई जाने
माने संतों के आने की बात भी कही गई है। इनमें मनीराम छावनी के
उत्तराधिकारी महंथ कमल नयन दास, ऋषिकेश के महंथ डा रामेश्वर दास, दिगम्बर
अखाड़ा के महंथ प्रमुख हैं।
बारात आने से पहले जनकपुरधाम से जानकी
मंदिर के महंथ तिलक चढ़ाने के लिए अयोध्या जाने वाले हैं। महंथ राम तपेश्वर
दास ने कहा कि 16 नवंबर को अयोध्या में तिलक चढ़ाया जाएगा। तिलक लेकर
जानकी मंदिर के उत्तराधिकारी महंथ राम रोशन दास अयोध्या जाएंगे जिनके साथ
विश्व हिंदू परिषद नेपाल से जुड़े दर्जनों संत भी सहभागी होने वाले हैं। इस
पूरे विवाह पंचमी कार्यक्रम में नेपाल सरकार, मधेश प्रदेश सरकार,
जनकपुरधाम उप महानगरपालिका संयुक्त रूप से आयोजक है जबकि विश्व हिंदू परिषद
नेपाल पूरे कार्यक्रम का समन्वय कर रहा है।
जनकपुर में आने वाले
बारात को निमंत्रण देने के लिए मधेश प्रदेश के मुख्यमंत्री को भेजे जाने का
निर्णय किया गया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री सतीश कुमार सिंह ने कहा कि
बारात को निमंत्रण देने जाना मेरे लिए सौभाग्य का विषय है। उन्होंने बताया
कि भारतीय दूतावास से समन्वय कर एक दो दिनों में ही अयोध्या जाने की तारीख
तय हो जाएगी।
अयोध्या के कारसेवकपुरम से 26 नवंबर को सुबह 8 बजे
बारात जनकपुर के लिए प्रस्थान करेगी। बारात आने वाले मार्ग, रात्रि विश्रम
का समय एवं वहां होने वाले अन्य कार्यक्रम भी तय कर लिए गए हैं। पहला दिन
अयोध्या से चली बारात गोसाईकुंड, आंबेडकर नगर, बसखारी होते हुए आजमगढ़ में
रात्रि विश्राम करेगी।इसी तरह दूसरे दिन मऊ, रसड़ा होते हुए बिहार के बक्सर
में रात्रि विश्राम करेगी। तीसरे दिन बक्सर से आरा, बिहटा,दानापुर होते
हुए रात्रि विश्राम पाटलिपुत्र में होने का कार्यक्रम तय है।
चौथे
दिन हाजीपुर, वैशाली होते हुए कांटी के रात्रि विश्राम का कार्यक्रम है।
पांचवे दिन यह बारात रूनी सैदपुर होते हुए सीतामढ़ी के पुनौराधाम में
रात्रि विश्राम होने वाला है। छठे दिन बेनी पट्टी, बासोपट्टी होते हुए
मधवापुर मटिहानी में रात्रि विश्राम होगा। आठवें दिन बारात मटिहानी से
नेपाल में प्रवेश करते हुए जलेश्वर, पिपरा होते हुए मिथिला नगर की परिक्रमा
कराई जाएगी। इसी दिन रात्रि विश्राम जनकपुरधाम में होगा। नौवे दिन जानकी
मंदिर में तिलकोत्सव का कार्यक्रम आयोजन किया जाएगा। दसवें दिन जनकपुरधाम
का भ्रमण और गंगासागर में पूजा तथा मटकोर का कार्यक्रम होगा।
ग्यारहवें
दिन 6 दिसंबर को विवाह का मूल समारोह का आयोजन रंगभूमि में किया जाएगा
जबकि रात्रिकालीन विवाह महोत्सव जानकी मंदिर के प्रांगण में किया जाएगा।
बारहवें दिन राम कलेवा और बारात के सम्मान में भोज का कार्यक्रम होना तय
हुआ है। तेरहवें दिन बारात की जनकपुरधाम से औपचारिक विदाई होगी। यह बारात
जनकपुर से बीरगंज में रात्रिविश्रम करने के पश्चात वहां से मोतिहारी,
गोपालगंज, कुशीनगर, गोरखपुर होते हुए अयोध्या वापस पहुंचेगी।