उज्जैन,। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर की
श्रावण-भाद्रपद मास में निकलने वाली सवारी के क्रम में आज सावन के पांचवें
सोमवार भगवान महाकाल की पांचवीं सवारी धूमधाम से निकाली जाएगी। रजत पालकी
में सवार होकर अवंतिकानाथ नगर भ्रमण कर अपनी प्रजा का हाल जानेंगे। सवारी
के दौरान भगवान महाकाल पांच स्वरूप में अपने भक्तों को दर्शन देंगे। पालकी
में चंद्रमौलेश्वर, गजराज पर मन महेश, गरूड़ रथ पर शिव तांडव, नंदी रथ पर
उमा महेश तथा डोल रथ पर होलकर स्टेट का मुखारविंद विराजित रहेगा।
महाकालेश्वर
मंदिर प्रबंध समिति के प्रबंधक एवं उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने
बताया कि सावन माह के पांचवें और अंतिम सोमवार को भगवान महाकालेश्वर की
सवारी पूरे प्रोटोकाल और धूमधाम से निकाली जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन
यादव भी सवारी में शामिल होंगे। इसमें सीआरपीएफ और आर्मी का बैण्ड शामिल
होगा। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय भी आज भगवान महाकालेश्वर के
दर्शन करने आ रहे हैं।
कलेक्टर ने बताया कि भगवान महाकाल की सवारी
में लोक संस्कृति के रंग भी नजर आएंगे। जनजाति कलाकारों का दल नृत्य की
प्रस्तुति देता चलेगा। महाकालेश्वर मंदिर से शाम चार बजे सवारी की शुरुआत
होगी। सवारी निकलने के पूर्व महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में दोपहर साढ़े
तीन बजे भगवान चन्द्रमौलेश्वर का विधिवत पूजन-अर्चन होगा। उसके पश्चात शाम
चार बजे भगवान चन्द्रमौलेश्वर रजत पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर
निकलेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव दोपहर 3.15 बजे महाकालेश्वर मन्दिर
पहुंचेंगे और यहां पूजन-अर्चन कर भगवान महाकाल की सवारी में शामिल होंगे।
उन्होंने
बताया कि मंदिर के मुख्य द्वार पर परंपरानुसार सशस्त्र पुलिस बल के जवानों
द्वारा पालकी में विराजित भगवान चंद्रमौलेश्वर को सलामी दी जाएगी। यहां से
भगवान नगर भ्रमण पर निकलेंगे। पालकी के पीछे गजराज पर मन महेश, गरूड़ रथ
पर शिव तांडव, नंदी रथ पर उमा महेश तथा डोल रथ पर होल्कर स्टेट का
मुखारविंद विराजित होकर भक्तों को दर्शन देंगे। सवारी परंपरागत मार्ग
महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहारवाडी से होती हुई रामघाट
पहुंचेगी, जहां माँ क्षिप्रा नदी के जल से भगवान का अभिषेक और पूजन-अर्चन
किया जाएगा।
इसके बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ की धर्मशाला, कार्तिक
चौक खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक,
गोपाल मंदिर, पटनी बाजार और गुदरी बाजार से होती हुई पुन: महाकालेश्वर
मंदिर पहुंचेगी। महाकालेश्वर भगवान की सवारी का सजीव प्रसारण मंदिर प्रबंध
समिति के फेसबुक पर किया जाएगा। इसके साथ ही सवारी के अंत में चलित रथ में
एलईडी के माध्यम से सवारी मार्ग में दर्शन हेतु खड़े श्रद्धालुओं को सजीव
दर्शन की व्यवस्था की गई है। इस चलित रथ की विशेषता यह है कि इसमें लाइव
बॉक्स रहेगा, जिससे लाइव प्रसारण निर्बाध रूप से होगा।
सवारी के
दौरान श्रद्धालुओं से अपील है कि सवारी मार्ग में सड़क की ओर व्यापारीगण
भट्टी चालू न रखें और न ही तेल का कड़ाव रखें। दर्शनार्थी सवारी में उल्टी
दिशा में न चलें और सवारी निकलने तक अपने स्थान पर खड़े रहें। दर्शनार्थी
गलियों में वाहन न रखें। श्रद्धालु सवारी के दौरान सिक्के, नारियल, केले,
फल आदि न फैंकें। सवारी के बीच में प्रसाद और चित्र वितरण न करें। इसके
अलावा पालकी के आसपास अनावश्यक संख्या में लोग न रहें।