उज्जैन,। देशभर में आज सावन के पांचवें और अंतिम सोमवार को
रक्षाबंधन का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। देश में सबसे पहले उज्जैन
में विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर के मंदिर में
रक्षाबंधन का पर्व मनाया गया। तड़के 2.30 बजे भगवान महाकाल को भस्म आरती के
समय पंडे-पुजारियों के परिवार की ओर से राखी अर्पित की गई। उन्हें वैदिक
राखी चढ़ाई गई और सवा लाख लड्डुओं का भोग लगाया गया।
दरअसल, विश्व
प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में सभी प्रमुख त्योहार सबसे पहले मनाए
जाते हैं। इसी परम्परा के अनुसार, बाबा महाकाल के आंगन में श्रावण पूर्णिमा
रक्षाबंधन का पर्व भी सोमवार को सुबह भस्म आरती के दौरान मंगल गीत गाते
हुए बाबा महाकाल को राखी बांधकर मनाया गया। महाकाल मंदिर के आशीष पुजारी ने
बताया कि रक्षाबंधन के मौके पर बाबा महाकाल को वैदिक राखी बांधी गई है। यह
सात दिन में बनकर तैयार होती है। इसमें तुलसी और बिल्व पत्रों का भी उपयोग
होता है। पुजारी परिवार की महिलाएं ही इस राखी को बनाती हैं।
इस
बार यह खास संयोग रहा कि सावन महीने की शुरुआत सोमवार से हुई और इसका समापन
भी आज सोमवार से हो रहा है। महाकाल मंदिर में दर्शन के लिए भक्त रविवार
रात से ही कतार में लगना शुरू हो गए थे। भस्म आरती के लिए रविवार-सोमवार की
दरमियानी रात 2.30 बजे पट खोल दिए गए। भस्म आरती में महाकाल का राजा
स्वरूप में दिव्य श्रृंगार हुआ। रक्षाबंधन पर्व होने से आज मंदिर में
श्रद्धालुओं की भीड़ देखते ही बन रही थी। हजारों की संख्या में श्रद्धालु
बाबा महाकाल के दर्शन करने मंदिर पहुंचे थे। जहां उन्होंने बैठक व्यवस्था
के साथ ही चलित भस्म आरती के माध्यम से भगवान के दर्शनों का लाभ लिया।
पंडित
आशीष पुजारी ने बताया कि श्रावण शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा पर आज विशेष संयोग
होने से सबसे पहले बाबा महाकाल का शुद्ध जल और फिर पंचामृत से अभिषेक पूजन
किया गया, जिसके बाद उनका श्रृंगार कर भस्म रमाई गई। महानिर्वाणी अखाड़े
की ओर से की गई भस्म आरती के बाद बाबा महाकाल को पंडित आशीष शर्मा के
परिवार के द्वारा वैदिक राखी बांधकर रक्षाबंधन पर्व धूमधाम से मनाया गया।
इस दौरान बाबा महाकाल को मावा मिश्री के लड्डू का भोग भी लगाया गया।
मंदिर में 7 दिनों से चल रहा था राखी का निर्माण
पुजारी
परिवार की महिलाए भगवान महाकाल के लिए सात दिन से वैदिक राखी का निर्माण
कर रही थी। जिसमें तुलसी के पत्ते, लौंग, इलायची, काली मिर्च के साथ ही
अन्य औषधियां मिलकर यह राखी बनाई गई थी।
सवा लाख लड्डुओं का भी लगा भोग
बाबा
महाकाल के दरबार में रक्षाबंधन पर भगवान के विशेष पूजन अर्चन के साथ ही
उन्हें सवा लाख लड्डुओं का भोग लगाने की भी परंपरा वर्षो से चली आ रही है।
यही कारण था कि आज भस्म आरती के पश्चात भगवान को सवा लाख लड्डुओं का भोग भी
लगाया गया। मंदिर के पुजारी पंडित घनश्याम गुरु ने भगवान को यह भोग अर्पित
किया जिसके बाद श्रद्धालुओं को यह प्रसादी वितरित की गई।
इधर, शाम 4
बजे सावन माह की अंतिम सवारी निकाली जाएगी। महाकाल होलकर मुखारविंद स्वरूप
में प्रजा का हाल जानने निकलेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी सवारी में
शामिल होंगे। सीआरपीएफ बैंड साथ चलेगा।