बलिया,। कार्तिक पूर्णिमा पर गुरूवार की मध्यरात्रि में गंगा व
तमसा के संगम पर आस्था का समंदर उमड़ पड़ा। लाखों लोगों ने डुबकी लगाने के
साथ ही गंगा की कलरव करती लहरों पर दीपक भी जलाए। गंगा की रेती पर पहली बार
लेजर शो भी हुआ। जिसके बाद ऐसा दृश्य उभरा मानो धरती पर आकाश गंगा उतर आई
हो।
पौराणिक काल से महर्षि भृगु के शिष्य दर्दर मुनि की तपोस्थली
बलिया में कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा व तमसा के संगम पर स्नान करने की
परंपरा है। जो वर्तमान में भी बदस्तूर जारी है। लोक परम्परा के इस महापर्व
पर बलिया और आसपास के जिलों से लाखों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाते हैं
और भृगु मंदिर व बालेश्वर मंदिर में दर्शन पूजन करते हैं। गुरुवार देरशाम
से ही शहर से गंगा घाट तक बस श्रद्धालु ही श्रद्धालु नजर आ रहे थे। गुरुवार
की देरशाम प्रख्यात भजन गायक कन्हैया मित्तल व राम आएंगे तो अंगना सजाऊंगी
गाकर फेमस हुईं स्वाति मिश्रा के गीतों से आस्था में गोते लगते हुए मध्य
रात्रि के बाद कार्तिक पूर्णिमा स्नान की पवित्र डूबकी का जो सिलसिला शुरू
हुआ वह शुक्रवार की सुबह तक अनवरत चलता रहा। गंगा की रेती पर जुटी लाखों की
भीड़ गंगा मईया के प्रति कितनी आस्थावान थी इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा
सकता है स्नान के बाद लोगों ने मोक्षदायिनी की आरती उतारी व भगवान भाष्कर
को अर्घ्य दिया।