नई
दिल्ली। लोकसभा चुनाव परिणाम के दिन शेयर बाजार के अचानक
धड़ाम हो जाने को घोटाला बताते हुए कांग्रेस ने सीधे प्रधानमंत्री और
गृहमंत्री पर निशाना साधा और जेपीसी जांच की मांग कर डाली। राहुल गांधी ने
कहा विपक्ष में बहुत ताकत है और संसद की स्थिति बदल गई है। हम जेपीसी
करवाएंगे।
गुरुवार की शाम कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित एक प्रेस
वार्ता में नवनिवार्चित सांसद और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि एक
जून 2024 को लोकसभा चुनाव का एग्जिट पोल जारी होने के बाद 3 जून को स्टॉक
मार्केट ने ऊंचाईं छूने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। इसके अगले ही दिन 4 जून को
नतीजे आने के बाद स्टॉक मार्केट धराशायी हो गया । इससे छोटे निवेशकों के 30
लाख करोड़ रुपए डूब गए।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, "चुनाव
के समय प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और वित्त मंत्री ने शेयर बाजार पर टिप्पणी
की और कहा कि शेयर बाजार तेजी से आगे जाएगा लोगों को शेयर खरीदना चाहिए। एक
जून को झूठा एग्जिट पोल जारी होता है। ऐसे में हमें लगता है कि
प्रधानमंत्री और गृहमंत्री सीधे तौर पर इसमें शामिल हैं इसलिए हम जेपीसी
जांच कराना चाहते हैं।’’
राहुल गांधी ने सवाल पूछा कि पीएम
ने जनता को निवेश करने की सलाह क्यों दी। अमित शाह ने लोगों को शेयर खरीदने
के लिए क्यों कहा। क्या भाजपा और इन विदेशी निवेशकों के बीच कोई संबंध है ।
राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा को जानकारी थी कि एग्जिट पोल गलत हैं और
बहुमत नहीं मिलने वाली है। इसलिए भाजपा के लोगों ने भ्रम फैलाया और शेयर
मार्केट क्रैश हो गया। इसके साथ ही निवेशकों का 30 लाख करोड़ का नुकसान हुआ
है और सत्ता में बैठे लोगों को फायदा हुआ है। इसलिए हम जेपीसी जांच कराए
जाने की मांग करते हैं।
राहुल गांधी के आरोपों पर भारतीय जनता
पार्टी के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि राहुल गांधी का यह बयान बताता है
कि वे अभी भी अपरिपक्व हैं और भ्रम फैलाने के लिए झूठ का सहारा लेते रहते
हैं। गौरव भाटिया ने कहा कि यह आधा अधूरा बयान है कि 4 जून को शेयर बाजार
कितना लुढ़का। राहुल गांधी को यह भी बताना चाहिए था कि पिछले दो दिनों में
शेयर बाजार कितनी तेजी से बढ़ा, कितने लाख करोड़ रुपए का लाभ निवेशकों को
हुआ। गौरव भाटिया ने प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के बयानों को पढ़कर सुनाया
और कहा कि इसमें कहीं भी निवेशकों से शेयर मार्केट में पैसा लगाने का
आह्वान नहीं किया गया था। शेयर मार्केट का उल्लेख देश की मजबूत होती अर्थ
व्यवस्था के संबंध में किया गया था। पर राहुल गांधी का बयान और जेपीसी की
मांग का सीधा अर्थ है कि वे आगामी लोक सभा में भी नकारात्मक मुद्दों को
उठाने वाले हैं। उनका दल देश और विपक्ष देश की तरक्की के लिए रचनात्मक
भूमिका निभाने की बजाय हल्ला और हंगामा ही करना चाहेगा।