BREAKING NEWS

logo

संसदीय स्थाई समिति ने की आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय दोगुना करने की सिफारिश



नई दिल्ली, । सांसद दिग्विजय सिंह की अध्यक्षता वाली शिक्षा, महिला, बाल, युवा और खेल संबंधी संसद की स्थायी समिति ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के लिए अपनी अनुदान मांग की रिपोर्ट जारी की है। इसमें प्रमुख रूप से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को मिलने वाले मानदेय को दोगुना करने तथा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता कल्याण बोर्ड का गठन किये जाने की सिफारिश की गई है।

समिति ने सिफारिश की है कि विभिन्न जाति समुदायों में एनीमिया (रक्ताल्पता) और कुपोषण का पता करने के लिए एक भू-सामाजिक जाति जनगणना कराने की जरूरत है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को मिलने वाले मानदेय को दोगुना करने तथा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता कल्याण बोर्ड का गठन किया जाना आवश्यक है। सभी आंगनवाड़ियों को सक्षम आंगनवाड़ी एवं शिशुगृह केंद्र में उन्नत किया जाए, जहां 6 माह से 6 वर्ष तक के सभी बच्चों के लिए बाल देखभाल सुविधाएं उपलब्ध हों। समिति ने वर्ष 2025 के अंत तक आंगनवाड़ियों में लगभग 2.13 लाख रिक्त पदों को भरने की सिफारिश की है।

अपनी रिपोर्ट में समिति ने कहा है कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में संशोधन करके सभी गर्भवती महिलाओं को लाभ प्रदान किया जाए और दी जाने वाली राशि को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के अनुरूप 5,000 से बढ़ाकर न्यूनतम 6,000 रुपये किया जाए। कुपोषण और एनीमिया उन्मूलन के लिए 2032 तक एक राष्ट्रीय मिशन की स्थापना किये जाने की सिफारिश की गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायकों द्वारा पोषण ट्रैकर ऐप का उपयोग करने में आ रही कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए इसका मूल्यांकन कराया जाए।

मणिपुर का जिक्र करते हुए समिति ने कहा है कि वहां आंतरिक रूप से विस्थापित महिलाओं और बच्चों के लिए एक विशेष समिति का गठन किया जाए, क्योंकि वहां के लोगों को पिछले 21 महीनों में संकट का सामना करना पड़ा है। राष्ट्रीय महिला आयोग को मणिपुर में कानून-व्यवस्था से संबंधित मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि वहां के हितधारकों का सिस्टम में भरोसा और आत्मविश्वास खत्म हो गया है। समिति ने बच्चों की कल्याण से जुड़े सभी कानूनों, नीतियों और हितधारकों के बीच सामंजस्य स्थापित करने के लिए एक समग्र राष्ट्रीय ढांचा तैयार करने की सिफारिश की है।