नई
दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को
मस्कट में ओमान को हर मौसम दोस्त बताया और कहा कि दोनों देशों के बीच
व्यापक आर्थिक सहयोग समझौता (सीईपीए) सहयोग को 21वीं सदी में नया विश्वास
और नई ऊर्जा प्रदान करेगा।
उन्होंने कहा कि भारत की विकास यात्रा में
ओमान के पास अपार संभावनाएं हैं। व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता (सीईपीए)
हमें 21वीं सदी में नए विश्वास और नई ऊर्जा से भर देगा। यह हमारे साझा
भविष्य का खाका है। इससे हमारे व्यापार को बढ़ावा मिलेगा, निवेश को नया
आत्मविश्वास मिलेगा और हर क्षेत्र में अवसरों के नए द्वार खुलेंगे।
प्रधानमंत्री ने ओमान को हर मौसम मित्र बताते हुए कहा, रिश्तों को नया विश्वास देगा सीईपीए
प्रधानमंत्री ने
सीईपीए के बारे में कहा, “अक्सर कहा जाता है कि समुद्र के दोनों छोर
एक-दूसरे से बहुत दूर हैं। लेकिन मांडवी और मस्कट के बीच स्थित अरब सागर एक
मजबूत पुल बन गया है, एक ऐसा पुल जिसने हमारे संबंधों को मजबूत किया है और
हमारी सांस्कृतिक अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाया है।
आज हम विश्वास के साथ
कह सकते हैं कि समुद्र की लहरें बदल सकती हैं, ऋतुएँ बदल सकती हैं लेकिन
भारत-ओमान की मित्रता हर ऋतु में और मजबूत होती जाती है और हर लहर के साथ
नई ऊँचाइयों को छूती है।”
प्रधानमंत्री
ने कहा कि बीते 11 वर्षों के दौरान भारत ने सिर्फ़ नीतियां बल्कि अपनी
अर्थव्यवस्था का स्वरूप ही बदल दिया है। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) ने
पूरे भारत को एकीकृत और आपस में जुड़े बाजार में बदल दिया है।
वहीं, दिवाला
और दिवालियापन संहिता से वित्तीय अनुशासन आया है और पारदर्शिता को बढ़ावा
मिला है। साथ ही इससे निवेशकों का विश्वास कायम हुआ। देश में दर्जनों श्रम
संहिता को सिर्फ चार संहिता में समेट दिया है। ये भारतीय इतिहास के सबसे
बड़े श्रम बदलावों में से एक हैं।
