भोपाल: मध्य प्रदेश पर्यटन के इतिहास में साल 2025 एक मील का
पत्थर साबित हुआ है। यह वर्ष पर्यटकों की बढ़ती आमद के लिहाज से
महत्वपूर्ण रहने के साथ ही राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिले अनेक
प्रतिष्ठित सम्मानों और पुरस्कारों के लिए जाना जाएगा। इस साल विरासत,
वन्यजीव, ग्रामीण, जनजातीय, साहसिक, जल और जिम्मेदार पर्यटन के क्षेत्र में
मध्य प्रदेश ने जो समग्र मॉडल प्रस्तुत किया, उसने वैश्विक पर्यटन मंचों
पर राज्य की मजबूत छवि बनाई है।
उल्लेखनीय
है कि एमआईसीआई पर्यटन में बैठकों (एम), प्रोत्साहन, (आई) कार्यक्रमों,
(सी) सम्मेलनों और प्रदर्शनियों के लिए(ई) की यात्रा शामिल है, जिनमें से
सम्मेलन बाजार सबसे अधिक लाभदायक है। एमआईसीई पर्यटन से कुल तात्पर्य
बैठकों, प्रोत्साहन कार्यक्रमों, सम्मेलनों और प्रदर्शनियों के लिए की जाने
वाली व्यावसायिक यात्राओं से है। इनका आयोजन विभिन्न व्यावसायिक,
शैक्षणिक, पेशेवर या सांस्कृतिक उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए किया
जाता है।
वार्षिकी 2025 : मप्र के लिए पर्यटन में वैश्विक और राष्ट्रीय सम्मान का वर्ष रहा
पर्यटन
नीति, प्रचार-प्रसार और नवाचार के क्षेत्र में मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड
ने 2025 में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल कीं। 8वें ट्रैवल एंड हॉस्पिटेलिटी
अवॉर्ड्स (हॉस्पिटेलिटी इंडिया) में राज्य को “सर्वश्रेष्ठ राज्य पर्यटन
बोर्ड” और “प्रचार-प्रसार के लिए सर्वश्रेष्ठ राज्य” के दोहरे पुरस्कार से
सम्मानित किया गया। इसके अलावा इंडिया ट्रैवल अवॉर्ड्स (डीडीपी पब्लिकेशन)
और साउथ एशिया ट्रैवल एंड टूरिज्म एग्जीबिशन (एसएटीटीई) में भी मध्य
प्रदेश को “सर्वश्रेष्ठ राज्य पर्यटन पुरस्कार” प्राप्त हुआ। ये सम्मान
राज्य की रणनीतिक ब्रांडिंग, डिजिटल प्रचार और अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मेलों में प्रभावी भागीदारी को दर्शाते हैं।
2025
में मध्य प्रदेश जिम्मेदार और सतत पर्यटन (रिस्पॉन्सिबल और सस्टेनेबल
टूरिज्म) के क्षेत्र में देश का रोल मॉडल बनकर उभरा। आईसीआरटी इंडिया
अवॉर्ड्स में राज्य की रिस्पांसिबल टूरिज्म परियोजना को “Making Travel
Inclusive” श्रेणी में स्वर्ण अवॉर्ड मिला। ट्रैवल वर्ल्ड ऑनलाइन–ग्लोबल
टूरिज्म अवॉर्ड्स में “बेस्ट सस्टेनेबल स्टेट टूरिज्म अवॉर्ड” से सम्मानित
किया गया।
वहीं नेशनल अवॉर्ड फॉर एक्सीलेंस 2025 में इसी परियोजना को “Most
Effective & Transformational Responsible Tourism Project of the
Year” का खिताब मिला। इसी तरह से ग्रामीण पर्यटन के तहत साबरवानी और
लाड़पुरा ग्राम (रिस्पांसिबल टूरिज्म) तथा प्राणपुर ग्राम (क्राफ्ट विलेज)
को पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा बेस्ट टूरिज्म विलेज का सम्मान
मिला। यह उपलब्धि स्थानीय समुदायों की भागीदारी, रोजगार सृजन और सांस्कृतिक
संरक्षण की दिशा में राज्य के प्रयासों को दर्शाती है।
साहसिक
पर्यटन के क्षेत्र में मध्य प्रदेश ने 2025 में राष्ट्रीय स्तर पर अपनी धाक
जमाई। अटोएआई द्वारा 16वें अधिवेशन (तवांग, अरुणाचल प्रदेश) में राज्य को “
बेस्ट स्टेट ऑफ एडवेंचर टूरिज्म अवार्ड” मिला। जल पर्यटन में लक्स
लाइफ इंटरनेशनल ट्रैवल मैगजीन द्वारा Inland Water Tourism Excellence
Award 2024 प्रदान किया गया, जिससे नर्मदा, तवा और अन्य जल स्रोतों पर
आधारित पर्यटन को नई पहचान मिली। इसके साथ ही 11वें वार्षिक एमआईसीई पर्यटन
यानी मीटिंग, इन्सेंटिव, कॉन्प्रेंस, एक्जिवीजन टूरिज्म में शिखर
सम्मेलन एवं इंडिया एमआईसीई अवॉर्ड्स 2025 में मध्य प्रदेश को “Most
Focused MICE Destination of India” घोषित किया गया। इससे राज्य में
कॉन्फ्रेंस, एग्जीबिशन और कॉरपोरेट टूरिज्म को बढ़ावा मिला।
क्राफ्ट
और हैंडलूम को पर्यटन से जोड़ने की मध्य प्रदेश की पहल भी 2025 में बेहद
सफल रही। क्राफ्ट हैंडलूम टूरिज्म विलेज, प्राणपुर को “बेस्ट टूरिज्म
विलेज” का अवॉर्ड प्राप्त हुआ। इसके अलावा ग्रीन लीफ रेटिंग सिस्टम अवॉर्ड
2024 में ग्राम छेड़का के ग्राम-स्टे को शामिल किया गया, जो
पर्यावरण-अनुकूल पर्यटन का उत्कृष्ट उदाहरण है। इस तरह पर्यटन
पुरस्कार के नजरिए से देखें तो मध्य प्रदेश के लिए वर्ष 2025, पर्यटन के
लिए वैश्विक सम्मान, नवाचार और समावेशी विकास का वर्ष रहा।
विरासत से लेकर
वन्यजीव, ग्रामीण से लेकर एमआईसीई, साहसिक से लेकर सतत पर्यटन हर क्षेत्र
में राज्य ने संतुलित और दूरदर्शी मॉडल प्रस्तुत किया। अत: इस क्षेत्र में
मिले राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार आज इस बात की पुष्टि हैं कि मध्य
प्रदेश पर्यटन अब अनुभव, जिम्मेदारी और सतत विकास का पर्याय बन चुका है।
आने वाले वर्षों में यह “हृदय प्रदेश” निश्चय ही भारत के साथ वैश्विक
पर्यटन मानचित्र पर और भी मजबूती से अपनी धड़कन दर्ज कराएगा।
