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एमपी टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव 2.0 आज इंदौर में, उद्योगपतियों के साथ वन-टू-वन बैठक करेंगे मुख्यमंत्री - टियर-2 भारत की तकनीकी क्रांति का नेतृत्व करेगा मध्य प्रदेश, ‘टेक्नोलॉजी-फर्स्ट इकोनॉमी विजन’ किया जाएगा प्रस्तुत



भोपाल,। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा मध्य प्रदेश को तकनीक, नवाचार और निवेश का वैश्विक केंद्र बनाने के उद्देश्य से आज गुरुवार को इंदौर के ब्रिलिएंट कन्वेंशन सेंटर में ‘मध्य प्रदेश टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव 2.0’ का आयोजन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इस कॉन्क्लेव में शामिल होंगे और उद्योग जगत के प्रतिनिधियों से वन-टू-वन बैठक करेंगे, जिसमें निवेश और सहयोग के नए अवसरों पर चर्चा होगी।

निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार मुख्यमंत्री डॉ. यादव दोपहर 1.50 बजे इंदौर आएंगे। वे यहां ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में आयोजित एमपी टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव में शामिल होंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव शाम 4.40 बजे इंदौर से भोपाल के लिये प्रस्थान करेंगे।

जनसम्पर्क अधिकारी जूही श्रीवास्तव ने बताया कि इस कॉन्क्लेव से राज्य की तकनीकी और औद्योगिक प्रगति के अगले चरण की रूपरेखा तय हो होगी। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि मध्य प्रदेश टियर-2 भारत की तकनीकी क्रांति का नेतृत्व कर सके। कॉन्क्लेव में राज्य सरकार का ‘टेक्नोलॉजी-फर्स्ट इकोनॉमी विजन’ प्रस्तुत किया जाएगा। इसमें दर्शाया जाएगा की मध्य प्रदेश नवाचार, कौशल और उद्यमिता के समन्वय से समावेशी आर्थिक विकास की ओर अग्रसर है।

उन्होंने बताया कि कॉनक्लेव में ‘मध्य प्रदेश अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी नीति 2025’ का मसौदा भी प्रस्तुत किया जाएगा। इसका उद्देश्य उज्जैन को भारत के उभरते अंतरिक्ष नवाचार केंद्र के रूप में स्थापित करना है, जो इसकी खगोलीय विरासत को आधुनिक अंतरिक्ष अनुप्रयोगों से जोड़ेगा। यह मसौदा IN-SPACE के तहत राष्ट्रीय अंतरिक्ष सुधारों के अनुरूप है, जो उपग्रह डिज़ाइन, प्रक्षेपण सेवाओं और सुदूर संवेदन में निजी भागीदारी को प्रोत्साहित करेगी।

जनसम्पर्क अधिकारी के अनुसार, पहले संस्करण की सफलता के बाद, एमपी टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव 2.0 और बड़े पैमाने महत्वाकांक्षा के साथ आयोजित की जाएगी। पिछले 6 महीनों में मध्य प्रदेश ने नवाचार, बुनियादी ढांचे और निवेश के माध्यम से उल्लेखनीय परिणाम हासिल किए हैं। इंदौर में नए जीसीसी संचालित हो रहे हैं जो आईटी, फिनटेक और चिकित्सा प्रौद्योगिकी में बहुराष्ट्रीय कंपनियों को आकर्षित कर रहे हैं। साथ ही ड्रोन टेक्नोलॉजी में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (सीओई) पर तेज़ी से कार्य चल रहा है जो अनुसंधान, डिज़ाइन, प्रोटोटाइपिंग और उद्योग-अकादमिक सहयोग को बढ़ावा देंगे।

नई इकाइयों का उद्घाटन एवं नई परियोजनाओं का होगा भूमि-पूजनकॉनक्लेव में एमपीएसईडीसी के अंतर्गत नई इकाइयों का उद्घाटन और नई परियोजनाओं का भूमिपूजन समारोह भी होगा। निवेशकों को एलओए (आवंटन पत्र) वितरित किए जाएंगे। उद्योगों के साथ एमओयू एवं समझौतों का आदान-प्रदान होगा। ‘मध्यप्रदेश अंतरिक्ष तकनीक नीति 2025’ के मसौदे का अनावरण किया जाएगा। मुख्य कार्यक्रम से पूर्व वैश्विक क्षमता केंद्र (GCC), ड्रोन प्रौद्योगिकी, एवीजीसी-एक्सआर एवं गेमिंग पर उद्योग गोलमेज सम्मेलन भी आयोजित किए जाएंगे।

कॉनक्लेव में उद्योग जगत के प्रतिनिधि अनंत टेक्नोलॉजीज लिमिटेड के डॉ. सुब्बाराव पावुलुरी फिक्की एवीजीसी-एक्सआर फोरम के अध्यक्ष आशीष कुलकर्णी, एएनएसआर के सह-संस्थापक एवं 1Wrk के सीईओ विक्रम आहूजा, IN-SPACe के डॉ. प्रफुल्ल जैन, सोलुजेनिक्स के चंद्रा कोथापु, आर.डब्ल्यू.एस मोराविया इंडिया प्रायवेट लिमिटेड के बेंजामिन फेस और क्लिनीसप्लाई जीसीसी की प्रेरिता बाहेती शामिल होंगे।

तकनीकी प्रदर्शनी में आईटी, ईएसडीएम, ड्रोन, सेमीकंडक्टर और स्पेसटेक क्षेत्रों की 16 से अधिक अग्रणी कंपनियाँ अपने नवीनतम नवाचारों और सहयोगात्मक पहलों का प्रदर्शन करेंगे। कॉन्क्लेव में 500 से अधिक सीएक्सओ, स्टार्टअप संस्थापक, नीति निर्माता, निवेशक और शिक्षाविद शामिल होंगे। यह आयोजन नीति, लोगों और प्रगति के एकीकरण का प्रतीक है और दर्शाता है कि मध्य प्रदेश नवाचार आधारित समावेशी विकास के माध्यम से विकसित भारत 2047 की दिशा में अग्रसर है।