भोपाल। मध्य प्रदेश में आज शनिवार को धरती आबा भगवान बिरसा
मुण्ड़ा की 150वीं जन्म शताब्दी राष्ट्रीय जनजाति गौरव दिवस के रूप में
धूमधाम से मनाई जाएगी। इस अवसर पर प्रदेश के विभिन्न जेलों में आजीवन
कारावास की सजा काट रहे अच्छे आचरण वाले 32 कैदी को समय पूर्व रिहाई
मिलेगी, इनमें नौ आदिवासी बंदी भी शामिल हैं। इस संबंध में मध्य प्रदेश
शासन जेल विभाग द्वारा आदेश जारी किए गए हैं।
जनसम्पर्क अधिकारी
प्रियंका रानी ने जानकारी देते हुए बताया कि धरती आबा भगवान बिरसा मुण्ड़ा
की 150वीं जन्म शताब्दी के अवसर पर राज्यपाल मंगुभाई पटेल के निर्देशन में
मध्य प्रदेश में लिए गए निर्णय के तहत अब प्रतिवर्ष 15 नवम्बर को राष्ट्रीय
जनजाति गौरव दिवस पर आजीवन कारावास के बंदियों को शासन द्वारा समय पूर्व
रिहा किया जाने की शुरुआत की जाएगी। इस निर्णय के साथ ही इस निर्णय के साथ
मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है, जहां साल में पांच अवसरों पर
उम्रकैद की सजा पाए कैदियों को दंड में छूट देकर रिहा किया जाएगा।
मध्य
प्रदेश शासन जेल विभाग मंत्रालय ने दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 432,
सहपठित धारा 433 एवं धारा 433(क) (भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की
धारा 473, सहपाठित 474 एवं 475 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए
आजीवन कारावास के बंदियों को नई रिहाई नीति द्वारा 15 नवम्बर (राष्ट्रीय
जनजाति गौरव दिवस ) को शामिल कर 05 अवसरों पर सजा में छूट प्रदान करने का
प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में राज्य
सरकार के एतिहासिक निर्णय ने 15 नवम्बर राष्ट्रीय जनजाति गौरव दिवस को
राष्ट्रीय स्तर के प्रमुख चार दिवसों के समकक्ष महत्वपूर्ण दिवस बना दिया
है।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय़ स्तर के प्रमुख चार दिन स्वतंत्रता
दिवस (15 अगस्त) ब्रिटिश शासन से मुक्ति का प्रतीक, गणतंत्र दिवस (26
जनवरी) संविधान लागू होने और भारत को एक गणराज्य बनने का उत्सव, गांधी
जयंती ( 2 अक्टूबर) राष्ट्रपिता की जयंती और डा. भीमराव अंबेडकर जयंती ( 14
अप्रैल) समानता दिवस पर पूरे देश में आजीवन कारावास के कैदियों को उनके
अच्छे आचरण को देखते हुए समय पूर्व रिहाई दी जाती है। इसी प्रकार अब प्रदेश
में भगवान बिरसा मुण्ड़ा जयंती (15 नवम्बर) राष्ट्रीय जनजाति गौरव दिवस जो
जनजाति समाज की परम्परागत प्राचीन सनातन संस्कृति के संरक्षण,स्वधर्म से
स्वराज की स्थापना के संघर्ष और अस्मिता के पुनर्जागरण के प्रतीक के रूप
में स्मरण करने का दिन है।
राज्यपाल के इस निर्णय ने समाज में यह
संदेश दिया कि राष्ट्रीय जनजाति गौरव दिवस केवल जनजातीय समुदाय तक सीमित
नहीं बल्कि समाज के हर वर्ग का दिन है, तभी तो पात्रता नियमानुसार आजीवन
कारावास के हर वर्ग के 32 बंदियों को समय पूर्व को रिहा किया जा रहा है।
मध्य प्रदेश में राष्ट्रीय जनजाति गौरव दिवस पर आज आजीवन कारावास के 32 कैदी होंगे रिहा
