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मध्य प्रदेश में उद्योगों का नया दौर, अब हैदराबाद में मुख्‍यमंत्री डॉ. मोहन का संवाद



भोपाल, । मध्य प्रदेश में बीते दो वर्षों में उद्योग और निवेश को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सरकार ने तेजी से कदम बढ़ाए हैं। 2023 के अंत में सरकार बनने के बाद से ही डॉ. यादव ने प्रदेश को देश के प्रमुख औद्योगिक गंतव्य के रूप में स्थापित करने का लक्ष्य सामने रखा। उसके बाद नीतिगत सुधारों, औद्योगिक क्षेत्रों के सुदृढ़ीकरण, निवेश प्रक्रियाओं को सरल बनाने और उद्योगपतियों से सीधे संवाद के क्रम में अनेक महत्वपूर्ण प्रयास लगातार सामने आ रहे हैं। इसी कड़ी में अब हैदराबाद में 22 नवंबर को इंटरएक्टिव सेशन होने जा रहा है, जहां मुख्यमंत्री डॉ. यादव स्वयं उद्योगपतियों से सीधे संवाद करेंगे।

दो वर्ष का औद्योगिक रोडमैप

उल्‍लेखनीय है कि सरकार के गठन के बाद मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उद्योग विभाग, निवेश प्रोत्साहन बोर्ड और विभिन्न औद्योगिक विकास निगमों को निर्देशित किया कि वे भूमि आवंटन, अनुमतियों, कनेक्टिविटी और प्रोत्साहन नीतियों में ठोस सुधार करें। पिछले दो वर्षों में प्रदेश में औद्योगिक पार्कों को विस्तार देने, नई एमएसएमई नीति लागू करने, लॉजिस्टिक कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने और निवेशक-हितैषी माहौल तैयार करने पर विशेष फोकस रहा है। इस अवधि में पीथमपुर, भोपाल, उज्जैन, ग्वालियर और सागर के औद्योगिक क्षेत्रों में भूमि आवंटन प्रक्रियाएँ पारदर्शी और सरल बनाईं गईं। साथ ही आईटी पार्क, इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर्स और फार्मा कॉरिडोर के विकास पर गति आई। निवेशकों के लिए “सिंगल विंडो सिस्टम” को और अधिक प्रभावी किया गया तथा उद्योगों के लिए आवश्यक 40 से अधिक तरह की अनुमतियों को एकीकृत ऑनलाइन प्रक्रिया से जोड़ा गया। मुख्यमंत्री बार-बार इस बात पर जोर देते रहे हैं कि “मध्यप्रदेश केवल देश के बीच में स्थित राज्य नहीं है, बल्कि निवेश के लिए सबसे उपयुक्त और सुरक्षित स्थान है। हम विकास-उन्मुख नीतियों और मजबूत अवसंरचना से उद्योगों को हर वह सुविधा दे रहे हैं जो निवेश को गति देती है।”

निवेश आकर्षण के लिए सक्रिय पहल

पिछले दो वर्षों में सरकार ने कई राज्यों और देशों में रोड शो और निवेशक मीट आयोजित कीं। मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु, पुणे और सूरत जैसे प्रमुख औद्योगिक केन्द्रों में विभिन्न क्षेत्रों के उद्यमियों से लक्षित संवाद किया गया। आईटी, फार्मा, इलेक्ट्रॉनिक्स, खाद्य प्रसंस्करण और नवीकरणीय ऊर्जा के निवेशों को विशेष प्राथमिकता दी गई। प्रदेश में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के आयोजन ने भी उद्योग जगत का ध्यान आकर्षित किया, जिसमें हजारों करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले। इन प्रस्तावों में से कई परियोजनाएँ जमीन पर उतरने की प्रक्रिया में हैं। सरकार ने उद्योग स्थापित करने की सभी प्रक्रियाओं में समय-सीमा तय की, जिससे निवेशक भरोसे का माहौल और मजबूत हुआ।

अब हैदराबाद में होगा उच्च स्तरीय संवाद

औद्योगिक निवेश को नई दिशा देने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री डॉ. यादव 22 नवंबर को हैदराबाद में एक उच्च स्तरीय इंटरएक्टिव सेशन में शामिल होंगे। यह आयोजन मध्य प्रदेश के उभरते औद्योगिक अवसरों को दक्षिण भारत के प्रमुख उद्योगपतियों के सामने रखने का महत्वपूर्ण मंच माना जा रहा है। हैदराबाद आईटी, फार्मा, इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन एवं मैन्युफैक्चरिंग, इंजीनियरिंग, नवीकरणीय ऊर्जा, अंतरिक्ष एवं रक्षा, खाद्य प्रसंस्करण और पर्यटन जैसे क्षेत्रों का बड़ा केंद्र है। इसी वजह से मध्यप्रदेश सरकार ने इस औद्योगिक शक्ति–केंद्र से संवाद को रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माना है। सत्र के दौरान मुख्यमंत्री उद्योग प्रतिनिधियों को मध्यप्रदेश के विकसित औद्योगिक पार्कों, एमएसएमई प्रोत्साहन योजनाओं, कनेक्टिविटी सुधारों और निवेश-प्रक्रिया की सहजता के बारे में विस्तार से अवगत कराएंगे। उद्योगपतियों को प्रदेश में वास्तविक औद्योगिक संभावनाओं का प्रत्यक्ष अनुभव दिलाने के लिए प्रस्तुतीकरण भी किया जाएगा।

मध्य प्रदेश हर निवेशक के साथ खड़ा है

मुख्यमंत्री डॉ. यादव इस बात को लेकर स्पष्ट हैं कि निवेशकों को भरोसा, सुरक्षा और समय पर सहयोग मिलना चाहिए। वह अपने संवादों में लगातार कहते रहे हैं- “मध्यप्रदेश में जो भी उद्योग लगाना चाहता है, सरकार उसके साथ हर कदम पर खड़ी है। सुव्यवस्थित प्रक्रियाएँ, पारदर्शिता, उद्योग-अनुकूल नीतियाँ और मजबूत अवसंरचना हमारा सबसे बड़ा निवेश–आकर्षण हैं।” उनका मानना है कि प्रदेश में विकसित औद्योगिक क्षेत्रों, बहुस्तरीय कनेक्टिविटी, पर्याप्त विद्युत आपूर्ति तथा प्रशिक्षित मानव संसाधन उद्योगों की स्थापना के लिए आदर्श वातावरण बनाते हैं।

उद्योगपतियों के लिए विशेष अवसर

इस इंटरएक्टिव सेशन में चयनित उद्योगपतियों को मुख्यमंत्री के साथ सीधे एकल संवाद और बैठक का अवसर मिलेगा। इससे वे अपने निवेश प्रस्तावों, विस्तार योजनाओं या नई इकाइयों की स्थापना से जुड़ी संभावनाओं पर सीधे चर्चा कर सकेंगे। उद्योगपतियों को प्रदेश में उपलब्ध औद्योगिक भूमि, क्लस्टर-आधारित विकास मॉडल, लॉजिस्टिक सपोर्ट, वेंचर और स्टार्टअप समर्थन, तथा विभिन्न क्षेत्रों में मौजूद वास्तविक संभावनाओं की जानकारी भी दी जाएगी।