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देश के प्रमुख बंदरगाहों ने वित्त वर्ष 2024-25 में ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल कीं


नई दिल्ली,। भारत के प्रमुख बंदरगाहों ने कार्गो हैंडलिंग में 4.3 फीसदी की प्रभावशाली वार्षिक वृद्धि दर दर्ज की है, जो वित्‍त वर्ष 2023-24 में 819 मिलियन टन से बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में 855 मिलियन टन हो गई। ये वृद्धि बढ़ते व्यापार वॉल्यूम को समायोजित करने में प्रमुख बंदरगाहों की लचीलापन और क्षमता को उजागर करती है।

पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने मंगलवार को जारी बयान में बताया कि देश के प्रमुख बंदरगाहों ने पिछले दशक में लगातार उल्लेखनीय प्रगति प्रदर्शित की है। जहाज से माल ढुलाई, परिचालन दक्षता और बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण के मामले में वित्त वर्ष 2024-25 उपलब्धि पत्थर वर्ष के रूप में उभरा है। देश के प्रमुख बंदरगाहों के यातायात में ये वृद्धि पिछले वित्‍त वर्ष की तुलना में उच्च कंटेनर थ्रूपुट (10 फीसदी), उर्वरक कार्गो हैंडलिंग (13 फीसदी), पीओएल कार्गो हैंडलिंग (3 फीसदी) और विविध वस्तुओं की हैंडलिंग (31 फीसदी) के कारण हुई।

मंत्रालय ने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में प्रमुख बंदरगाहों ने जहाज से माल ढुलाई (कार्गो हैंडलिंग) में 4.3 फीसदी की प्रभावशाली वार्षिक वृद्धि दर दर्ज की है। वित्त वर्ष 2023-24 में जहाज से माल ढुलाई 819 मिलियन टन से बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में लगभग 855 मिलियन टन हो गई। यह वृद्धि बढ़ते व्यापार को समायोजित करने में प्रमुख बंदरगाहों की सुदृढता और क्षमता को उजागर करती है।

पिछले वित्त वर्ष की तुलना में कार्गो ट्रैफिक में वृद्धि उच्च कंटेनर प्रवाह क्षमता (थ्रूपुट) (10 फीसदी), उर्वरक कार्गो परिवहन (13 फीसदी), पीओएल कार्गो परिवहन (3 फीसदी) और विविध वस्तुओं के परिवहन (31 फीसदी) की वजह से थी। प्रमुख बंदरगाहों पर वित्त वर्ष 2024-25 में जिन वस्तुओं की ढुलाई की गई उनमें पेट्रोलियम, तेल और स्नेहक (पीओएल) जैसे कच्चा तेल, पेट्रोलियम उत्पाद तथा एलपीजी/एलएनजी शामिल हैं, जो 254.5 मिलियन टन (29.8 फीसदी) की मात्रा के साथ चार्ट में सबसे आगे हैं।

इसके बाद कंटेनर ढुलाई 193.5 मिलियन टन (22.6 फीसदी), कोयला 186.6 मिलियन टन (21.8 फीसदी) हैं। इसके अलावा लौह अयस्क, छर्रे, उर्वरक, उत्यादि जैसी अन्य वस्तुओं का परिवहन भी शामिल है। वहीं, वित्त वर्ष 2024-25 में कार्गो की प्रवाह क्षमता और परिचालन प्रदर्शन में नई ऊंचाई दर्ज की गई।

पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने कहा कि बंदरगाह आधारित औद्योगिकीकरण के लिए 7565 करोड़ रुपये मूल्य की 962 एकड़ बंदरगाह भूमि आवंटित की गई है। इसमें 68,780 करोड़ रुपये की निवेश क्षमता है। वित्त वर्ष 2023-24 में जहाज से माल ढुलाई 819 मिलियन टन से ढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में लगभग 855 मिलियन टन हुई है, जो 4.3 फीसदी की वार्षिक वृद्धि है।

उत्पादकता संकेतकों में भी उल्लेखनीय सुधार हुआ:

-पिछले दशक के दौरान प्रति जहाज बर्थ दिवस (ओएसबीडी) उत्पादन 12,458 टन से बढ़कर 18,304 टन हो गया।

-औसत टर्नअराउंड समय (टीआरटी-जहाज पर से माल उतारने और लादने में लगने वाला समय) में 48 प्रतिशत सुधार हुआ, जो वित्त वर्ष 2014-15 में 96 घंटे से घटकर वित्त वर्ष 2024-25 में 49.5 घंटे हो गया।

-प्री-बर्थिंग डिटेंशन (पीबीडी) समय (बंदरगाह की वजह से) में लगभग 24 प्रतिशत सुधार हुआ, जो वित्त वर्ष 2014-15 में 5.02 घंटे से घटकर वित्त वर्ष 2024-25 में 3.8 घंटे रह गया।

-निष्क्रिय समय (प्रतिशत) में लगभग 29 प्रतिशत की गिरावट आई, जो वित्त वर्ष 2014-15 में 23.1 प्रतिशत से घटकर वित्त वर्ष 2024-25 में 16.3 प्रतिशत हो गया। ये विकास कार्गो परिवहन प्रक्रियाओं को बढ़ाने, बुनियादी ढांचे को पहले से बेहतर करने और मशीनीकरण पहल शुरू करने की मंत्रालय की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।

उल्‍लेखनीय है कि भारत अपनी वैश्विक व्यापार संभावना का विस्तार कर रहा है और लॉजिस्टिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर का आधुनिकीकरण कर रहा है। वित्त वर्ष 2024-25 में यह प्रगति मंत्रालय की रणनीतिक दृष्टि और सार्वजनिक प्राधिकरणों और निजी हितधारकों के सहयोगात्मक प्रयासों का प्रमाण है।