प्रधानमंत्री लक्सन ने कहा, ‘‘यह
समझौता दोनों देशों की मजबूत मित्रता पर आधारित है। भारत दुनिया की सबसे
तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और इससे न्यूजीलैंड के
व्यवसायों को 1.4 अरब भारतीय उपभोक्ताओं तक पहुंचने का अवसर मिलता है।’’
समझौते की मुख्य बातें-
-
भारत के 100 प्रतिशत निर्यात पर शून्य शुल्क वाली बाजार पहुंच। भारत ने 70
फीसदी श्रेणियों में शुल्क उदारीकरण की पेशकश की है जिसके दायरे में
भारत–न्यूजीलैंड द्विपक्षीय व्यापार का 95 फीसदी हिस्सा आता है।
-यह
बाजार पहुंच भारत के श्रम-प्रधान क्षेत्रों जैसे वस्त्र, परिधान, चमड़ा,
जूते, समुद्री उत्पाद, रत्न एवं आभूषण, हस्तशिल्प, इंजीनियरिंग सामान तथा
मोटर वाहन की प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाती है।
-किसी भी विकसित देश
के साथ सबसे तेजी से संपन्न हुआ यह मुक्त व्यापार समझौता, वस्त्र, दवा,
चमड़ा, इंजीनियरिंग सामान एवं कृषि उत्पादों सहित सभी भारतीय निर्यातों के
लिए वर्ष का शानदार समापन सुनिश्चित करता है।
-5,000 पेशेवरों के
लिए अस्थायी रोजगार प्रवेश वीजा और 1,000 कार्य एवं अवकाश वीजा का समर्पित
कोटा। न्यूजीलैंड ने अगले 15 वर्ष में भारत में 20 अरब अमेरिकी डॉलर के
निवेश को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता जताई है।
-उत्पादकता बढ़ाने के
लिए न्यूजीलैंड द्वारा सेब, कीवी फल और शहद के लिए उत्कृष्टता केंद्रों के
जरिए कृषि उत्पादकता साझेदारी की स्थापना। भारत के विनिर्माण क्षेत्र के
लिए शुल्क मुक्त कच्चे माल: लकड़ी के लट्ठे, कोकिंग कोयला, धातुओं का
अपशिष्ट एवं कबाड़ (स्क्रैप)।
आयुष, संस्कृति, मत्स्य पालन,
ऑडियो-विजुअल पर्यटन, वानिकी, बागवानी और पारंपरिक ज्ञान प्रणालियों में
सहयोग पर सहमति बनी है। शुल्क उदारीकरण के अलावा, मुक्त व्यापार समझौते में
बेहतर नियामक सहयोग के माध्यम से गैर-शुल्क बाधाओं को दूर करने के
प्रावधान भी शामिल हैं।
भारत-न्यूजीलैंड ने किया ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौता, व्यापार और निवेश में होगा विस्तार
नई
दिल्ली। भारत और न्यूजीलैंड ने मुक्त व्यापार समझौते
(एफटीए) पर वार्ता संपन्न होने की सोमवार को घोषणा की। इसका उद्देश्य
वस्तुओं और निवेश में द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देना है। न्यूजीलैंड के
प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन ने भारत के साथ एफटीए पर वार्ता पूरी होने
की जानकारी दी। इस समझौते पर बातचीत इस वर्ष मई में शुरू हुई थी।
वाणिज्य
एवं उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारत और न्यूजीलैंड ने एक
व्यापक, संतुलित और भविष्योन्मुखी मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) किया है,
जो इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के साथ भारत के जुड़ाव में एक बड़ा आर्थिक और
रणनीतिक मील का पत्थर है।
इस समझौते पर तीन महीने में हस्ताक्षर होने की
संभावना है। मंत्रालय ने कहा कि भारत और न्यूजीलैंड के बीच मुक्त व्यापार
समझौता विकसित भारत 2047 के राष्ट्रीय दृष्टिकोण के अनुरूप है।
यह किसी
विकसित देश के साथ भारत के सबसे तेजी से पूरे किए गए मुक्त व्यापार समझौते
में से एक है। इसका मकसद वस्तुओं तथा निवेश में द्विपक्षीय व्यापार को
बढ़ावा देना है। एफटीए पर वार्ता इस साल मई में शुरू हुई थी।
प्रधानमंत्री
कार्यालय के अनुसार, न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री लक्सन की मार्च 2025 की
भारत यात्रा के दौरान शुरू हुई बातचीत को महज नौ महीनों में पूरा किया जाना
दोनों देशों की साझा राजनीतिक इच्छाशक्ति और द्विपक्षीय संबंधों को गहराई
देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
यह एफटीए व्यापार और निवेश को बढ़ावा
देने, बाजार पहुंच को मजबूत करने तथा रणनीतिक सहयोग को नई दिशा देने में
सहायक होगा। साथ ही दोनों देशों के निवेशकों, उद्यमियों, किसानों, एमएसएमई,
छात्रों और युवाओं के लिए विभिन्न क्षेत्रों में नए अवसर भी खोलेगा।
प्रधानमंत्री
नरेन्द्र मोदी ने भारत-न्यूजीलैंड मुक्त व्यापार समझौते को दोनों देशों के
संबंधों में एक ऐतिहासिक उपलब्धि बताते हुए कहा कि यह साझेदारी को नई
ऊंचाइयों तक ले जाएगा। मोदी ने एक्स पर कहा, “भारत-न्यूजीलैंड साझेदारी नई
ऊंचाइयों पर पहुंचने वाली है।
एफटीए अगले पाचं सालों में दोनों देशों के
बीच व्यापार को दोगुना करने का रास्ता तैयार करता है। भारत न्यूजीलैंड से
अलग-अलग सेक्टर में 20 अरब अमेरिकी डॉलर से ज्यादा के निवेश का स्वागत करता
है।
हमारे प्रतिभाशाली युवा, मजबूत स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र और
सुधार-आधारित अर्थव्यवस्था नवाचार और दीर्घकालिक साझेदारी के लिए एक मजबूत
नींव देते हैं। इसके साथ ही, हम खेल, शिक्षा और सांस्कृतिक संबंधों जैसे
दूसरे क्षेत्रों में भी सहयोग को मज़बूत करना जारी रखेंगे।”
न्यूजीलैंड
के प्रधानमंत्री लक्सन ने एक्स पोस्ट में कहा कि भारत के साथ एफटीए पर
बातचीत पूरी हो गई है। इस मुक्त व्यापार समझौते से भारत को निर्यात होने
वाले हमारे 95 फसदी उत्पादों पर शुल्क कम हो जाएगा या पूरी तरह से समाप्त
हो जाएगा।
लक्सन ने कहा कि ये अनुमान लगाया गया है कि आने वाले दो दशकों
में न्यूजीलैंड से भारत को प्रति वर्ष होने वाला निर्यात 1.1 अरब यूएस डॉलर
से बढ़कर 1.3 अरब अमेरिकी डॉलर हो सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने
न्यूजीलैंड-भारत एफटीए पर बातचीत संपन्न होने के बाद भारत के प्रधानमंत्री
नरेन्द्र मोदी से अभी बात की है।’’
उल्लेखनीय है कि वित्त वर्ष 2024-25 में
दोनों देश के बीच द्विपक्षीय व्यापार करीब 1.3 अरब डॉलर था। इसमें भारत का
निर्यात 71.11 करोड़ डॉलर और आयात 58.71 करोड़ डॉलर रहा था। न्यूजीलैंड का
औसत आयात शुल्क केवल 2.3 फीसदी है, जबकि भारत का 17.8 फीसदी है।
न्यूजीलैंड की 58.3 फीसदी शुल्क श्रेणियां पहले से ही टैरिफ से मुक्त हैं।
न्यूजीलैंड को भारत का निर्यात व्यापक है, लेकिन इसमें ईंधन, वस्त्र एवं
दवाइयों का प्रमुख योगदान है।
