अररिया: भारत-नेपाल
सीमा क्षेत्र में मानव तस्करी और शोषण की चुनौतियों पर चर्चा करने और
सहयोग को मजबूत करने के उद्देश्य से नेपाल के विराटनगर में दो दिवसीय
अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला का समापन शुक्रवार को हुआ।
दिल्ली पुलिस के डॉ. राकेश कुमार ने कहा कि यह कार्यक्रम मानव तस्करी और अवैध व्यापार को रोकने में बेहद कारगर साबित हुआ है।
बेंगलुरु, बिहार,
दिल्ली, उत्तर प्रदेश के सुरक्षा अधिकारी, मानव तस्करी विरोधी अभियान में
कार्यरत संगठन और भारत एवं नेपाल सरकारों के सचिव, संयुक्त सचिव, केंद्र और
प्रदेश के अधिकारी इसमें भाग लिया।
मानव तस्करी के खिलाफ विराटनगर में अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला का हुआ आयोजन
कार्यक्रम
में नेपाल और भारत की सरकारी एजेंसियों, सुरक्षा एजेंसियों, स्थानीय
निकायों और नागरिक समाज संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। मौके पर
महिला एवं बाल एवं वरिष्ठ नागरिक मंत्री श्रद्धा श्रेष्ठ ने कहा कि मानव
तस्करी के खिलाफ दोनों देशों के बीच मजबूत सहयोग आवश्यक है,
क्योंकि यह एक
गंभीर अपराध है,जो सीमाओं का सम्मान नहीं करता है। मंत्रालय ने तत्काल बचाव
और सुरक्षा के लिए काम करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।
उन्होंने
कहा कि वह एक कार्यविधि तैयार करेंगी और उसे लागू करेंगी।विराटनगर
महानगरपालिका के मेयर नागेश कोइराला कार्यक्रम में विशेष अतिथि थे, जिसकी
अध्यक्षता मंत्रालय की सचिव लक्ष्मी कुमारी बसनेत ने की।
वही इस कार्यक्रम
मे नेपाल और भारत सरकार के प्रतिनिधि,माईती नेपाल की संस्थापक अध्यक्ष
अनुराधा कोइराला शामिल हुई जो, सीमावर्ती क्षेत्र में सामने आ रही
चुनौतियों और अनुभवों पर चर्चा की।
शुक्रवार को
पीड़ित-केंद्रित बचाव और पुनर्वास, भारत में नेपाली पीड़ितों की सुरक्षा,
सीमावर्ती क्षेत्र में निवारक उपाय, द्विपक्षीय समझौते, कानूनी सहयोग और
संयुक्त प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर खुली चर्चा हुई।
मंत्रालय की संयुक्त
सचिव आभा श्रेष्ठ ने बताया कि कार्यशाला का समापन समूह चर्चाओं से प्राप्त
सुझावों को शामिल करते हुए एक अल्पकालिक और दीर्घकालिक संयुक्त कार्य योजना
तैयार करके किया गया।
बिराटनगर
महानगरपालिका के मेयर नागेश कोइराला ने कहा कि वे समझते हैं कि मानव
तस्करी केवल नेपाल के बिराटनगर की ही समस्या नहीं है, बल्कि भारत,
श्रीलंका, भूटान, बांग्लादेश सहित दुनिया भर के कई देशों की समस्या
है।उम्मीद है कि यह कार्यशाला मानव तस्करी के खिलाफ नेपाल और भारत के बीच
आपसी विश्वास, समन्वय और सहयोग को और मजबूत करेगी।
