देहरादून। भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) देहरादून में आज आयोजित
गरिमामय पासिंग आउट परेड ने देश को 456 नए सैन्य अधिकारी सौंपे। अकादमी के
ऐतिहासिक चेटवुड भवन के सामने ड्रिल स्क्वायर पर हुई इस परेड में भारतीय
सेना के लिए 456 और मित्र देशों की सेनाओं के लिए 35 कुल 491 अधिकारी
कैडेट्स ने अपने प्रशिक्षण का अंतिम चरण पार किया।
इस ऐतिहासिक परेड
में नेपाल के सेना प्रमुख अशोक राज सिगडेल ने बतौर रिव्यूइंग ऑफिसर परेड
की सलामी ली। तमाम गणमान्य व्यक्तियों, विदेशी मेहमानों, वरिष्ठ सैन्य
अधिकारियों और कैडेटों के परिजनों की मौजूदगी में आयोजित इस भव्य कार्यक्रम
ने गर्व और प्रेरणा का माहौल बनाया।
ऐतिहासिक परेड की झलकी
परेड
का आयोजन अकादमी के सबसे प्रतिष्ठित स्थल चेटवुड भवन के सामने किया गया।
अनुशासन, समर्पण और गर्व की झलक प्रस्तुत करती इस परेड ने दर्शकों को
मंत्रमुग्ध कर दिया। रिव्यूइंग ऑफिसर ने कैडेटों के अनुशासन और परिश्रम की
सराहना की और उन्हें उत्कृष्ट सैन्य अधिकारी बनने के लिए प्रेरित किया।
परेड के बाद आयोजित पीपिंग और शपथ ग्रहण समारोह (ओथ सेरेमनी) के दौरान
कैडेट्स ने अपनी वर्दी पर स्टार चिह्न लगाए और भारत माता की सेवा और
सुरक्षा के लिए शपथ ली। इन 491 कैडेट्स में से 456 युवा अधिकारी भारतीय थल
सेना का अभिन्न हिस्सा बनेंगे। जबकि 35 अधिकारी मित्र देशों की सेनाओं में
सेवा देंगे।
आईएमए का गौरवशाली इतिहास
इस वर्ष की पासिंग आउट
परेड के साथ भारतीय सैन्य अकादमी ने देश-विदेश की सेनाओं को अब तक कुल
66,119 सैन्य अधिकारी प्रदान करने का कीर्तिमान स्थापित किया। इनमें मित्र
देशों की सेनाओं के 2,988 अधिकारी भी शामिल हैं। यह अकादमी का गौरवपूर्ण
योगदान है जो इसे विश्वस्तरीय सैन्य प्रशिक्षण संस्थान बनाता है।
नए सैन्य अधिकारियों का उत्साह
नए
अधिकारी कैडेट्स के चेहरे पर गर्व और आत्मविश्वास की झलक साफ दिखी। ये
युवा सैनिक अपनी मातृभूमि की सेवा के लिए तत्पर हैं और अपने साहसिक
कर्तव्यों को निभाने के लिए तैयार हैं। भारतीय सेना में शामिल होने वाले इन
456 युवा अधिकारियों के लिए यह दिन उनके जीवन का सबसे महत्वपूर्ण दिन
साबित हुआ।
मित्र देशों का सहयोग
भारतीय सैन्य अकादमी में
नेपाल, भूटान, श्रीलंका, मालदीव, तजाकिस्तान समेत कई मित्र देशों के
कैडेट्स को भी प्रशिक्षण दिया जाता है। इस वर्ष मित्र देशों के 35 सैन्य
अधिकारी भी अकादमी से प्रशिक्षित होकर अपनी सेनाओं का हिस्सा बने। यह भारत
की मित्रता और सहयोग की भावना को दर्शाता है।
समर्पण और त्याग का संदेश
इस
अवसर पर सभी कैडेट्स ने भारतीय सेना के मूल्यों-कर्तव्य, सम्मान और
साहस-के प्रति समर्पण व्यक्त किया। यह परेड न केवल सैन्य अधिकारियों के
जीवन का नया अध्याय है, बल्कि देश और दुनिया के लिए शांति और सुरक्षा का
प्रतीक भी है।
भारतीय सेना को मिले 491 युवा अफसर, अंतिम पग पार कर ली भारत माता की रक्षा की सौगंध, 35 विदेशी कैडेट्स मित्र देश में देंगे सेवा
