रांची। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अजय साह ने विपक्षी गठबंधन
‘इंडी’ में बढ़ती आंतरिक दरारों पर गंभीर प्रश्न उठाए हैं। उन्होंने कहा
कि यह गठबंधन केवल नकारात्मक उद्देश्य से बना था और जैसे-जैसे इसमें शामिल
दलों के भीतर सत्ता की लालसा बढ़ रही है, वैसे-वैसे इनके बीच के मतभेद भी
गहराते जा रहे हैं।
वे भाजपा प्रदेश कार्यालय में शुक्रवार काे
पत्रकार वार्ता में बाेल रहे थे। उन्होंने कहा कि बरही विधानसभा क्षेत्र
में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के रूप में उमाशंकर अकेला के चुनाव लड़ने
की घोषणा के बाद इस क्षेत्र में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी आमने-सामने
होंगी। इसी तरह धनवार विधानसभा में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमाे) और माले
आमने सामने है। यह स्थिति कई विधान सभाओं में है। यह स्थिति दर्शाती है कि
सत्ता के लोभ में ये दल किसी भी सीमा तक जा सकते हैं। हाल ही में
मुख्यमंत्री पद के रोटेशनल फॉर्मूले को लेकर भी झामुम और कांग्रेस में
मतभेद उभरे हैं और अब विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में भी इनके बीच की खाई
बढ़ती दिखाई दे रही है।
अजय साह ने लिट्टीपाड़ा के विधायक दिनेश
विलियम मरांडी का उल्लेख करते हुए कहा कि उनका आक्रोश केवल उनका व्यक्तिगत
मामला नहीं है, बल्कि यह पूरे झामुम के कार्यकर्ताओं की भावनाओं को व्यक्त
करता है। कार्यकर्ताओं को पार्टी में अनदेखा किए जाने का अनुभव हो रहा है,
क्योंकि लगातार एक ही परिवार को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे पार्टी में
घुटन का माहौल बन गया है। विलियम मरांडी ने बिलकुल सही कहा है कि झामुमो अब
एक परिवार में सीमित होकर रह गई है और सारे फ़ैसले दलालों और बिचौलियों
द्वारा लिए जा रहे हैं।
साह ने बरही के विधायक उमाशंकर अकेला के
बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कांग्रेस के विधायक खुद अब अपनी
पार्टी की सच्चाई उजागर कर रहे हैं। अकेला ने कांग्रेस पर पार्टी के टिकट
दो-दो करोड़ रुपये में बेचने का आरोप लगाया है। इससे यह प्रतीत होता है कि
कांग्रेस जाते-जाते जितनी संभव हो सके उतनी लूट करने की योजना बना रही है।
यह आरोप अत्यंत गंभीर है और अजय साह ने चुनाव आयोग से आग्रह किया है कि वह
इसकी जांच करे और चुनाव में कांग्रेस व झामुम द्वारा धनबल के प्रयोग पर रोक
लगाए।