नई दिल्ली, 24 मार्च शिक्षकों और चतुर्थ वर्ग के कर्मचारियों के
लंबित वेतन मामले पर आज दिल्ली नगर निगम के कमिश्नर की ओर से दिल्ली
हाईकोर्ट में दावा किया गया कि जिन कर्मचारियों का वेतन सालों से बकाया था,
उनमें से ज्यादातर को जनवरी तक का पूरा भुगतान कर दिया गया है। कुछ
कैटेगरी में फरवरी माह तक का वेतन भी दिया जा चुका है।
कमिश्नर के
मुताबिक बाकी बचे लोगों को 31 मार्च तक उनके बकाए वेतन का भुगतान करने की
कोशिश गंभीरता से की जा रही है। दिल्ली नगर निगम ने कोर्ट को बताया कि 7वें
वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक बकाए के भुगतान के लिए निगम ने 1200
करोड़ या संभवत: उससे ज्यादा के लोन के लिए आवेदन किया है। चीफ जस्टिस सतीश
चंद्र शर्मा की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस बारे में 6 मार्च को दिल्ली नगर
निगम को नोटिस जारी एक हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था।
सुनवाई
के दौरान हाईकोर्ट ने शिक्षकों और चतुर्थ वर्ग के कर्मचारियों को वेतन
नहीं मिलने पर दिल्ली नगर निगम से एतराज जताया था। कोर्ट ने दिल्ली नगर
निगम के वकील से कहा कि आपके कमिश्नर ने समय पर वेतन देने का आश्वासन दिया
है, ऐसे में शिक्षकों और चतुर्थ वर्ग के कर्मचारियों को वेतन क्यों नहीं
मिला।
याचिकाकर्ताओं की ओर से वकील अशोक अग्रवाल ने कोर्ट को बताया
था कि करीब 20 शिक्षकों का वेतन नगर निगम ने जनवरी महीने से नहीं दिया है।
उन्होंने कहा था कि न केवल शिक्षकों बल्कि सभी चतुर्थ वर्ग के कर्मचारियों
का जनवरी और फरवरी का वेतन भी नहीं किया गया है। वेतन नहीं मिलने से
शिक्षकों और कर्मचारियों को गंभीर आर्थिक तंगी से गुजरना पड़ रहा है।
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एमसीडी ने हाई कोर्ट को बताया- कर्मचारियों को जनवरी तक के वेतन का पूरा भुगतान किया गया
