रांची: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली कैबिनेट ने राज्य की जेलों में बंद पांच कैदियों की रिहाई को मंजूरी दी है. कैदियों की रिहाई की सूची में पूर्व मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नवजोत सिंह सिद्धू का नाम शामिल नहीं है. 34 साल पुराने रोडरेज मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को 19 मई 2022 को एक साल की सजा सुनायी थी.
अब यह माना जा रहा है कि सिद्धू को 34 वर्ष पुराने मामले में सजा पूरी करनी होगी. उधर नवजोत सिंह सिद्धू के करीबियों का मानना है कि नियमों के मुताबिक अप्रैल 2023 तक रिहाई की औपचारिकताएं पूरी हो जायेंगी. पंजाब में फिलहाल आम आदमी पार्टी की सरकार है. मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट में इस हाई प्रोफाइल मामले पर निर्णय लिये जाने की संभावना जतायी जा रही थी.
पर सूची में नाम नहीं आने से कांग्रेस खेमे में नाराजगी है. बता दें अमृत महोत्सव योजना के तहत जिन पांच कैदियों की रिहाई को मंजूरी दी गई है, उनमें पहले तीन में लखवीर सिंह, रविंदर सिंह, और तसप्रीत सिंह, शामिल हैं. अन्य दो जिनकी समयपूर्व रिहाई को मंजूरी दी गई है, उनमें अनिरुद्ध मंडल और शंभू मंडल शामिल हैं, दोनों लुधियाना जेल में बंद हैं.
दोनों ने कथित तौर पर अपनी सजा पूरी कर ली है, लेकिन उनकी अवधि बढ़ा दी गई थी, क्योंकि वे आर्थिक तंगी के कारण उन पर लगाए गए जुर्माने को जमा नहीं कर पाए थे. वहीं दिसंबर से यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि 26 जनवरी, 2022 को रिहा किए जाने वाले कैदियों में नवजोत सिंह सिद्धू भी शामिल होंगे.
पंजाब कैबिनेट ने औपचारिक रूप से अपने एजेंडे में केंद्र सरकार की अमृत महोत्सव योजना के तहत नवजोत सिंह सिद्धू का नाम शामिल नहीं किया था.वह फिलहाल पटियाला जेल में अपनी सजा काट रहे हैं. वहीं जनवरी में कैबिनेट फेरबदल के बाद जब मुख्यमंत्री भगवंत मान ने जेल विभाग अपने हाथों में ले लिया तो सिद्धू की रिहाई के कयासों का बाजार और भी गर्म हो गया था.
अमृत महोत्सव योजना के तहत 8 कैदियों के नाम की सिफारिश करने के लिए एक मामला तैयार करने के बाद, सिद्धू को रिहा किए जाने की अफवाहों ने फिर से जोर पकड़ लिया था. लेकिन अब जब लिस्ट जारी की गयी तब सिद्धू का नाम इस लिस्ट से बाहर था.