post authorSuper Admin 3/25/2023 3:54:34 PM (38) (3483)

गढ़वाल कुमाऊं के 254 मंदिरों को पर्यटन सर्किट में शामिल किया जाए : पूर्व मंत्री नैथानी

Ranchi Express

देहरादून, 25 मार्च  उत्तराखंड में श्री विश्वनाथ जगदी शिला डोली रथ यात्रा के संचालक पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता ने गढ़वाल और कुमाऊं के 254 देवालयों को तीर्थाटन सर्किट में शामिल किए जाने की मांग की है।

पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता मंत्री प्रसाद नैथानी ने शनिवार को दून प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता में गढ़वाल और कुमाऊं के 254 देवालयों को तीर्थाटन सर्किट में शामिल किए जाने की मांग करते हुए कहा कि श्री विश्वनाथ जगदी शिला डोली रथ यात्रा विगत 23 वर्षों से टिहरी गढ़वाल में गुरु वशिष्ठ की तपस्थली से प्रारंभ होती है। व्यावहारिक वेदांत के धनी स्वामी रामतीर्थ की तपस्थली विशोन पर्वत से 30 दिवसीय देवदर्शन यात्रा सम्पूर्ण उत्तराखंड में विश्व शांति की कामना से यह यात्रा चलाई जाती है।

मंत्री प्रसाद नैथानी ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड में चारधाम के अलावा हजार धाम स्थापित करने और देव संस्कृति की रक्षा को गंगा दशहरा के पावन पर्व पर समायोजित की जाती है। यह यात्रा सम्पूर्ण उत्तराखंड में दस हजार पांच सौ किलोमीटर की दूरी तय करके कुमाऊँ, गढ़वाल और तराई क्षेत्र के 254 विभिन्न धर्मों के देवालयों से होकर गुजरती है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को देव भूमि का दर्जा मिला हुआ है। इस बात को सिद्ध करने के लिए उत्तराखंड राज्य पूरे विश्व में तीर्थाटन प्रदेश जाना जाए। इसलिए यात्रा को प्रतिवर्ष गंगा दशहरा से एक माह पूर्व प्रारम्भ किया जाता है।



यात्रा के मुख्य उद्देश्यों की जानकारी देते हुए नैथानी ने बताया कि यात्रा का उद्देश्य विश्व शांति की स्थापना,देव संस्कृति जीवित रखना तथा विश्व प्रसिद्ध चार धाम (यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ) के साथ-साथ हजार शक्तिपीठों को धाम के रूप में विकसित करना प्रमुख है। इसके साथ ही साथ देवभूमि उत्तराखंड के हजार धर्मों में हजार संस्कृत भाषा के उन्नयन के लिए हजार संस्कृत विद्यालयों स्थापना, हजार धामों में ध्यान केन्द्रों की स्थापना, पर्यावरण संरक्षण हेतु वृहद वृक्षारोपण, तीर्थ स्थलों पर जाने के लिए सड़क एवं रोपवे निर्माण इस यात्रा के मुख्य बिन्दु हैं।



इसी प्रकार जिन शक्तिपीठों में विद्युतीकरण और पेयजल का अभाव है वहां पर विद्युतीकरण और पेयजल की व्यवस्था करना जगदी शिला यात्रा का उद्देश्य है। इसी संदर्भ में उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज को ज्ञापन भी सौंपा है।

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